क्या एआई म्यूजिक बनाने में मददगार हो सकता है, लेकिन मानवीय भावना को नहीं बदल सकता? : गजेन्द्र वर्मा

सारांश
Key Takeaways
- गजेन्द्र वर्मा के अनुसार, एआई म्यूजिक में मदद कर सकता है, लेकिन इंसानी भावना की जगह नहीं ले सकता।
- आधुनिक संगीत में स्ट्रीमिंग ने नई संभावनाएं खोली हैं।
- म्यूजिक की दुनिया में स्वतंत्रता और क्रिएटिविटी का महत्व बढ़ा है।
मुंबई, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध गायक और संगीतकार गजेन्द्र वर्मा, जिनके हिट गाने 'तेरा घाटा', 'एम्प्टीनैस' और 'मन मेरा' हैं, ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) भविष्य में म्यूजिक निर्माण में सहायक हो सकता है, लेकिन असली सोच, भावना और क्रिएटिविटी हमेशा मानवों की सबसे बड़ी ताकत रहेगी।
गजेन्द्र वर्मा ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा, "इंडिपेंडेंट म्यूजिक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह व्यक्तिगत कहानियों पर आधारित होता है। एआई कभी भी इन निजी अनुभवों और भावनाओं को पूरी तरह से नहीं समझ सकता। एआई म्यूजिक में मदद कर सकता है, लेकिन इंसानी कहानियों की जगह नहीं ले सकता।"
उन्होंने आगे कहा, "एआई एक दिलचस्प उपकरण है। यह म्यूजिक प्रोडक्शन, सॉन्ग राइटिंग और विजुअल्स को आसान बना सकता है, लेकिन म्यूजिक केवल टेक्नोलॉजी से नहीं बनता। इसमें इंसान की भावनाएं और सच्चे अनुभव शामिल होते हैं। एआई केवल सहायता कर सकता है, लेकिन इंसान की जगह नहीं ले सकता। जब लोग कोई गाना सुनते हैं, तो वे सच्ची भावनाओं से जुड़ते हैं, और ये भावनाएं एआई उत्पन्न नहीं कर सकता।"
गजेन्द्र वर्मा का मानना है कि उनका संगीत उनकी भावनाओं का एक हिस्सा होता है। चाहे वह प्यार हो, दिल टूटना हो या खुद को समझने की कोशिश, जो भी वह महसूस करते हैं, उसे गाने के माध्यम से व्यक्त करते हैं।
उन्होंने कहा, "मैंने कभी ट्रेंड्स का पालन नहीं किया। मैं वही बनाता हूं, जो उस समय महसूस कर रहा होता हूं। शायद इसी कारण मेरे गाने लोगों के दिल से जुड़ जाते हैं।"
गजेन्द्र वर्मा ने कहा कि स्ट्रीमिंग के आगमन से म्यूजिक की दुनिया के नियम बदल गए हैं। अब नए कलाकारों को गाने रिलीज करने के लिए किसी म्यूजिक कंपनी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। अब नए और प्रतिभाशाली लोगों को सीधे मौका मिल जाता है।
उन्होंने कहा, "स्ट्रीमिंग ने सब कुछ बदल दिया है। पहले म्यूजिक इंडस्ट्री में फिल्मी गानों का दबदबा था या किसी म्यूजिक लेबल की आवश्यकता थी। अब म्यूजिक इंडस्ट्री अधिक खुली और स्वतंत्र हो गई है। अब कलाकार अपना गाना सीधे लोगों तक पहुंचा सकते हैं।"
गजेन्द्र वर्मा ने कहा, "मैंने अपनी मेहनत से ऑडियंस बनाई है और आज भी स्वतंत्र होकर काम कर रहा हूं। सबसे अच्छी बात यह है कि मैं अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर म्यूजिक रिलीज करता हूं।"