क्या एआईएमआईएम के थर्ड फ्रंट बनाने से कोई फर्क पड़ेगा? प्रतुल शाहदेव

सारांश
Key Takeaways
- रात्री के थर्ड फ्रंट का उद्देश्य स्वतंत्र चुनाव लड़ना है।
- प्रतुल शाहदेव ने चुनाव लड़ने के अधिकार का समर्थन किया।
- ओवैसी ने राजद के नेताओं को पत्र लिखा था।
- निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।
- राजनीति में सभी को समान अवसर मिलना चाहिए।
रांची, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम द्वारा थर्ड फ्रंट बनाए जाने पर भाजपा नेता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राजनीति में सभी को चुनाव लड़ने का स्वतंत्र अधिकार है। उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम थर्ड फ्रंट बनाकर चुनाव लड़ रही है तो क्या फर्क पड़ता है? अगर उन्हें चुनाव लड़ना है तो लड़ें, इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में भाजपा नेता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी तो इंडी अलायंस के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते थे। गठबंधन में शामिल होने के लिए ओवैसी ने राजद नेता तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव को पत्र भी लिखा था।
पत्र में ओवैसी ने छह सीटों की मांग की थी ताकि उन पर मुस्लिम वोट बांटने का आरोप न लगे। हालांकि, इंडिया ब्लॉक ने उन्हें एक भी सीट देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद एआईएमआईएम ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया। अब वे चुनाव लड़ रहे हैं तो किसी को क्या दिक्कत है?
केरल इंजीनियर के आत्महत्या मामले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पोस्ट को लेकर प्रतुल शाहदेव ने कहा कि लंबे समय से वहां धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। इस दौरान संघ के कई कार्यकर्ताओं पर हमले हुए हैं और उनकी हत्याएं भी हुई हैं। अब उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। उन्होंने मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
शाहदेव ने कहा कि या तो केंद्रीय जांच एजेंसी से इसकी जांच हो या किसी सिटिंग हाईकोर्ट जज के नेतृत्व में जांच कराई जाए। राज्य सरकार इस मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास करेगी, जो स्वीकृत नहीं है।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एआईएमआईएम के थर्ड फ्रंट बनाने जाने पर राजनीति तेज हो गई है। इंडिया ब्लॉक में शामिल राजनीतिक दल, खास तौर पर कांग्रेस नेताओं का दावा है कि ओवैसी की पार्टी भाजपा को चुनाव में लाभ पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ती है। बिहार में भी लाभ पहुंचाने के लिए ही चुनाव लड़ा जा रहा है।