क्या चीन पर अमेरिका के नए टैरिफ का वैश्विक व्यापार पर असर पड़ेगा? डेनमार्क के पूर्व राजदूत फ्रेडी स्वेन के विचार

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क्या चीन पर अमेरिका के नए टैरिफ का वैश्विक व्यापार पर असर पड़ेगा? डेनमार्क के पूर्व राजदूत फ्रेडी स्वेन के विचार

सारांश

क्या अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए नए टैरिफ का वैश्विक व्यापार पर प्रभाव पड़ेगा? जानिए डेनमार्क के पूर्व राजदूत फ्रेडी स्वेन के विचारों के अनुसार, भारत की आर्थिक स्थिति और आने वाले बदलावों के बारे में। यह जानना बेहद जरूरी है कि ऐसे टैरिफ का असर किस तरह से दुनिया भर में व्यापार को प्रभावित कर सकता है।

Key Takeaways

  • चीन पर टैरिफ का असर वैश्विक व्यापार पर होगा।
  • भारत को अपने आर्थिक हितों की रक्षा करनी होगी।
  • सशक्त नेतृत्व आवश्यक है।
  • भारत में अपार संभावनाएं हैं।
  • डिजिटलाइजेशन से भारत में तेजी से बदलाव आ रहा है।

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में डेनमार्क के पूर्व राजदूत फ्रेडी स्वेन ने पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास की सराहना की। राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के साथ-साथ अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि चीन पर लागू ताजा टैरिफ का वैश्विक व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास को लेकर पूर्व राजदूत स्वेन ने कहा, "मैं अब एक आम नागरिक हूं, लेकिन इससे पहले मैं भारत में डेनमार्क का राजदूत रह चुका हूं। जाने से पहले, मैंने भारत के प्रधानमंत्री के साथ एक निजी बैठक की। मेरा हमेशा से भारत में विश्वास रहा है। बेशक, कई चुनौतियां हैं, लेकिन मजबूत राजनीतिक नेतृत्व बहुत जरूरी है। मजबूत नेतृत्व की वजह से भारत को बहुत फायदा होता है।"

भारत पर अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ को लेकर पूर्व राजदूत ने कहा, "मैं अब डेनमार्क का प्रतिनिधित्व करता हूं। मैं एक पूर्व राजनयिक हूं, लेकिन मैंने अमेरिका और यूरोपीय संघ, दोनों के साथ मिलकर काम किया है। शुल्कों का मुद्दा बहुत जटिल है और इससे निपटने में मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मेरा मानना है कि भारत सहित कई देशों के लिए ऐसे बदलावों के प्रति सतर्क रहना और अपने आर्थिक व सुरक्षा हितों की रक्षा करना भी बहुत आवश्यक है।"

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर अतिरिक्त 100 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जो 1 नवंबर से लागू होगा। इसे लेकर डेनमार्क के पूर्व राजदूत फ्रेडी स्वेन ने कहा कि वैश्विक व्यापार और आर्थिक नीतियों से केवल सबसे शक्तिशाली देशों को ही लाभ नहीं होना चाहिए। ऐसा दृष्टिकोण सभी के लिए आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने में मदद नहीं करेगा।

उदाहरण के लिए, टैरिफ हमेशा मददगार नहीं हो सकते, लेकिन ऐसा लगता है कि वाशिंगटन से लगभग हर दिन उनके बारे में नए बयान आते रहते हैं। टैरिफ एक प्रमुख उपकरण बन गया है, जो वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर देशों और लोगों की प्रतिक्रिया और उनके तालमेल को प्रभावित करते हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर डेनमार्क के पूर्व राजदूत ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, मैं पिछले छह महीनों से भारत पर कड़ी नजर रख रहा हूं। मैं भारत को एक मजबूत देश मानता हूं, जिसमें अपार संभावनाएं हैं। भारत का एक स्पष्ट लक्ष्य है और इसे प्राप्त करने के लिए उचित योजना, एक निश्चित एजेंडा और केंद्रित प्रयासों की आवश्यकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था में खासकर इसकी विशाल युवा आबादी के साथ, अनेक अवसर मौजूद हैं। आर्थिक विकास को गति देने के लिए रोजगार सृजन और युवाओं की ऊर्जा एवं क्षमता का दोहन आवश्यक है।

भारत की नई व्यापार नीतियों और निवेशकों के लिए अवसरों को लेकर उन्होंने कहा कि भारत के पास घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के निवेशकों को आकर्षित करने का एक अनूठा अवसर है। मुझे ऊर्जा क्षेत्र के विस्तार और हरित राजमार्गों और सतत मिशनों जैसे हरित समाधानों को लागू करने में महत्वपूर्ण संभावनाएं दिखाई देती हैं। भारत में अपार क्षमताएं हैं और दुनिया का कोई भी देश इस क्षेत्र में भारत जितनी प्रगति नहीं कर रहा है।

'डिजिटल इंडिया' और 'मेक इन इंडिया' को लेकर उन्होंने कहा कि एक राजदूत के रूप में मुझे यह देखने का अवसर मिला कि डिजिटलाइजेशन के माध्यम से भारत कैसे बदल रहा है। मैं क्यूआर कोड के उपयोग से बहुत प्रभावित हुआ, जो शानदार और अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

Point of View

बल्कि वैश्विक व्यापार पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है। इसे समझना जरूरी है कि इस तरह के निर्णयों से भारत जैसे विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

चीन पर अमेरिका के टैरिफ का प्रभाव क्या होगा?
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का प्रभाव न केवल चीन, बल्कि वैश्विक व्यापार पर भी पड़ेगा, जिससे व्यापार के नियम और संतुलन बिगड़ सकते हैं।
भारत की आर्थिक स्थिति पर इसका क्या असर होगा?
भारत को सतर्क रहना होगा और अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए उचित रणनीतियाँ बनानी होंगी।
फ्रेडी स्वेन का क्या कहना है?
स्वेन का मानना है कि केवल शक्तिशाली देशों को लाभ नहीं होना चाहिए, बल्कि सभी देशों की आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।