क्या अमेरिका का 50 प्रतिशत टैरिफ भारत के लिए चुनौती बनेगा?: शशि थरूर

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ का निर्णय भारत पर असर डाल सकता है।
- शशि थरूर का सुझाव है कि भारत को भी उसी अनुपात में टैरिफ लगाना चाहिए।
- भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध महत्वपूर्ण हैं।
- सरकार को इस मुद्दे पर स्पष्टता से जवाब देना चाहिए।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सरकार को अमेरिका के इस निर्णय का उचित जवाब देना चाहिए और भारत की तरफ से भी 50 प्रतिशत टैरिफ लागू किया जाना चाहिए।
शशि थरूर ने कहा कि अमेरिका के टैरिफ का भारत पर निश्चित असर पड़ेगा, क्योंकि हमारे बीच 90 अरब डॉलर का व्यापार है। अगर सभी चीजें 50 प्रतिशत महंगी हो जाएंगी, तो उपभोक्ता जरूर सोचेंगे कि वे भारतीय उत्पाद क्यों खरीदें?
गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए थरूर ने कहा, "डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बढ़ाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ का कोई औचित्य नहीं है। यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि हम रूस से तेल खरीद रहे हैं, जबकि चीन भारत से कहीं अधिक तेल रूस से खरीदता है। अमेरिका ने चीन को 90 दिन का समय दिया है, जबकि हमें केवल 3 हफ्ते का समय दिया गया है।"
उन्होंने यह भी कहा, "अमेरिका से जो संकेत मिल रहे हैं, उन्हें समझकर हमारी सरकार को जवाब देना चाहिए। हमें भी अमेरिकी सामान पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाना चाहिए। हमारे औसत टैरिफ 17 प्रतिशत है, तो हमें क्यों रुकना चाहिए? इसे 50 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहिए।"
शशि थरूर ने स्पष्ट किया कि कोई भी देश हमें इस तरह से धमका नहीं सकता। सभी भारतीय इस मुद्दे पर एकजुट हैं। अगर अमेरिका ने अपना फैसला वापस नहीं लिया और 50 प्रतिशत टैरिफ को बनाए रखा, तो भारत को भी इसे लागू करना चाहिए।
कांग्रेस सांसद अमर सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि अमेरिका भारत के साथ अन्याय कर रहा है। प्रधानमंत्री ने डोनाल्ड ट्रंप को दोस्त बताया था, लेकिन इस मामले में वह चुप हैं। सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह से मौन है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने पाकिस्तान को हथियार देने की बात की है, ऐसे में सरकार का चुप रहना नुकसानदायक है।