क्या बेंगलुरु में बुलडोजर कार्रवाई के बाद शहाबुद्दीन रजवी का कर्नाटक सरकार से सवाल सही है?
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों की निंदा की गई।
- बुलडोजर कार्रवाई ने मुस्लिम समुदाय को प्रभावित किया।
- सरकार को धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना चाहिए।
- शहाबुद्दीन रजवी ने सरकारी दावों पर सवाल उठाए।
- राजनीतिक लाभ के लिए झूठी बयानबाजी का आरोप लगाया गया।
बरेली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय बताया है।
उन्होंने सोमवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि वहां की कट्टरपंथी ताकतें भारत के खिलाफ साजिश रच रही हैं, लेकिन हम इस साजिश को किसी भी हाल में धरातल पर नहीं उतरने देंगे।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के संदर्भ में भारत सरकार द्वारा उठाए गए किसी भी कदम का मुस्लिम समुदाय समर्थन करेगा।
उन्होंने मांग की कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को हर हाल में रोका जाए। इस तरह के हमलों को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है। हम बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों की कठोर शब्दों में निंदा करते हैं।
इसके अलावा, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में स्थित कॉलोनी पर बुलडोजर चलाया गया, जिसकी शहाबुद्दीन रज़वी ने निंदा की।
उन्होंने दावा किया कि इस कॉलोनी में 400 से ज्यादा मुस्लिम समुदाय के लोग थे, जिनके घर उजाड़ दिए गए। कर्नाटक सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के नक्शेकदम पर चल रही है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उस कॉलोनी में बुलडोजर चलाने के बजाय दूसरे विकल्प भी हो सकते थे। अगर सरकार चाहती, तो इन कॉलोनी में रहने वाले लोगों को दूसरी जगह में रहने के लिए कोई स्थान दे सकती थी। लेकिन, अफसोस सरकार ने इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया।
मौलाना ने कहा कि उस कॉलोनी में रहने वाले लोग रो रहे हैं, बिलख रहे हैं। लेकिन, अफसोस उनके दर्द को समझने वाला कोई नहीं है। कोई भी उनकी आह सुनने को तैयार नहीं हो रहा है। कर्नाटक की मौजूदा सरकार को चाहिए कि वो वहां के लोगों के दुख और दर्द को समझे और उसे दूर करने की दिशा में काम करे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक की यह सरकार दावा करती है कि हम मुस्लिमों के हितैषी हैं। आप किस तरह के हितैषी हैं, ये समझ नहीं आ रहा है। क्या जिस तरह से आप लोगों ने कॉलोनी को उजाड़ दिया, क्या उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आप मुस्लिमों के हितैषी हैं? आपका रवैया उस नारे से मेल नहीं खाता है, जिसमें आप यह कह रहे हैं कि हम मुस्लिमों के हितैषी हैं।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक की सरकार मुस्लिम समुदाय के लोगों से झूठ बोल रही है, और वो यह झूठ राजनीतिक लाभ अर्जित करने के मकसद से बोल रही है। लेकिन, कर्नाटक का मुसलमान इस सरकार के रवैये को ध्यान से देख रहा है।