क्या भारत-पाकिस्तान का मैच हमारे रिश्तों को मजबूती देगा? : पप्पू यादव

सारांश
Key Takeaways
- खेल और संस्कृति दोनों देशों के बीच गहरे संबंध हैं।
- पप्पू यादव का मानना है कि मैच दोस्ती बढ़ा सकता है।
- राजनीति को खेल से अलग रखना चाहिए।
- महागठबंधन में कांग्रेस की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- विकासशील इंसान पार्टी की स्थिति पर नजर रखनी होगी।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने एशिया कप में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया है।
यह बयान उस समय आया है जब लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई है। उनका मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में पाकिस्तान के साथ हम मैच नहीं खेल सकते हैं।
पप्पू यादव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि खेल और संस्कृति भारत और पाकिस्तान की परंपराओं में गहराई से जुड़े हुए हैं, और दोनों देश मजबूत रिश्ते चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के युवा स्थिर और सौहार्दपूर्ण संबंधों की इच्छा रखते हैं, और भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच इन रिश्तों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की खेल और सांस्कृतिक कूटनीति को याद करते हुए कहा कि इस दिशा में प्रयासों को जारी रखना चाहिए। पप्पू यादव ने उन लोगों की आलोचना की जो इस मुद्दे पर लापरवाही से बोलते हैं और इसे गलत बताया। साथ ही, उन्होंने इस बात पर बल दिया कि खेल को राजनीति का हथियार नहीं बनने देना चाहिए, बल्कि यह दोनों देशों के बीच दोस्ती और समझ बढ़ाने का माध्यम होना चाहिए।
उन्होंने बिहार में महागठबंधन में संभावित फूट की अटकलों पर चिंता जताते हुए कहा कि कांग्रेस को गठबंधन को मजबूत करने की जिम्मेदारी गंभीरता से निभानी चाहिए। उन्होंने महागठबंधन के एक हिस्से के रूप में कांग्रेस से आग्रह किया कि वह यह सुनिश्चित करे कि गठबंधन एकजुट और मजबूत रहे।
पप्पू यादव ने कहा, "अक्टूबर तक कौन कहां जाएगा, यह कहना मुश्किल है।"
उन्होंने कांग्रेस से आग्रह किया कि पार्टी को यह ध्यान रखना चाहिए कि महागठबंधन से कोई न जाए।
बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर कहा जा रहा है कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे दावों को तब ज्यादा हवा मिली जब विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने महागठबंधन की बैठक से दूरी बना ली। कहा जा रहा है कि सहनी विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए 60 सीट मांग रहे हैं।