क्या भीड़ को नियंत्रण में करना संभव है? उदित राज का बयान
सारांश
Key Takeaways
- भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल है।
- वोट चोरी गंभीर मुद्दा है।
- राजनीतिक दलों को लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए।
- जनता का गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है।
- कुप्रबंधन का प्रभाव देश की छवि पर पड़ता है।
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित कांग्रेस की रैली में पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर भाजपा ने आक्रमण किया है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज का मानना है कि इस तरह की रैली में भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल है, क्योंकि कुछ लोग नारे लगा देते हैं।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उदित राज ने कहा कि "कुछ लोग ऐसे नारे लगाते हैं, और हम इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सकते।" लोगों में पीएम मोदी के प्रति गुस्सा है, जो उनके बयानों में स्पष्ट दिखाई देता है। हालांकि, यह पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं है।
उदित राज ने आगे कहा कि यह बहुत बड़ी रैली थी। एक दिन पहले ही देश भर से लाखों लोग यहां पहुंचे थे। लोग चिंतित हैं और जानते हैं कि वोट चोरी हो रही है। वोट चोरी एक गंभीर मुद्दा है, जो लोकतंत्र और संविधान दोनों को कमजोर कर रहा है।
कोलकाता में अर्जेंटीना के फुटबॉलर लियोनल मेसी के इवेंट में हुई गड़बड़ी पर उदित राज ने कहा कि निश्चित रूप से, कुप्रबंधन हुआ था, और आयोजक को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए थी। इससे देश की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि वह एक प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी हैं।
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने रामलीला मैदान की रैली को लेकर कहा कि यह देश संविधान और महात्मा गांधी के आदर्शों पर आधारित है, लेकिन भाजपा के लोग इसकी मूल भावना पर हमला कर रहे हैं। लोकतंत्र में चुनाव आयोग को जिम्मेदार होना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि देश में 'वोट चोरी' का शिकार जनता चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर संदेह में है। राहुल गांधी ने लगातार सवाल किए हैं, लेकिन सरकार और चुनाव आयोग चुप हैं। हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे।