क्या बिहार बदलाव के लिए तैयार है? कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी का बयान

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में बदलाव की लहर चल रही है।
- 3,000 आवेदन प्राप्त हुए, जो एक ऐतिहासिक संख्या है।
- वोट की चोरी लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है।
- कांग्रेस ने जनता का विश्वास जीतने का प्रयास किया है।
- एसआईआर के मामले में आयोग को स्पष्टता लानी चाहिए।
पटना, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के नज़दीक आते ही, ‘वोट चोरी’ और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जैसे मुद्दे चर्चा का विषय बने हुए हैं। इसी बीच, कांग्रेस पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक गुरुवार को भी जारी रही।
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि लोगों की ओर से आए आवेदन यह दर्शाते हैं कि बिहार बदलाव की दिशा में अग्रसर है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने बताया कि बुधवार को हुई 8 घंटे की लंबी बैठक के बाद, गुरुवार को सुबह 9 बजे से आवेदकों से मुलाकात शुरू हुई। कमेटी को लगभग 3,000 आवेदन प्राप्त हुए, जो एक ऐतिहासिक संख्या है। हर विधानसभा क्षेत्र से 10 से 50 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है।
इमरान ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी ने कई उत्कृष्ट नामों का चयन किया है और यह प्रक्रिया तभी समाप्त होगी जब कमेटी के सदस्य जिला स्तर पर लोगों से मिलेंगे।
उन्होंने इस प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि बिहार बदलाव की राह पर है।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' का पर्दाफाश किया है। उन्होंने उन लोगों से मुलाकात की है, जिन्हें मृत घोषित किया गया था, जबकि वे जीवित हैं। आयोग को इस मुद्दे पर स्पष्टता लानी चाहिए और वोटरों का विश्वास जीतना चाहिए, क्योंकि लोकतंत्र में 'वोट की चोरी' सबसे बड़ा अपराध है।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि बिहार में इंडिया ब्लॉक के तहत कांग्रेस जनता का विश्वास जीतने के लिए प्रयासरत है। जनता वर्तमान सरकार से असंतुष्ट है और लोगों का उत्साह इसका प्रमाण है।
उन्होंने आशा जताई कि जनता का विश्वास जीतकर कांग्रेस सरकार बनाएगी। सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण पर उन्होंने कहा कि कोर्ट को चुनाव आयोग के गलत और फर्जी दावों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि लोगों की राय को सुनना चाहिए। उन्होंने एसआईआर पर रोक लगाने की मांग की।