क्या भगवान भरोसे है कानून व्यवस्था? नेता मार्केटिंग में व्यस्त हैं: पप्पू यादव

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क्या भगवान भरोसे है कानून व्यवस्था? नेता मार्केटिंग में व्यस्त हैं: पप्पू यादव

सारांश

क्या बिहार की कानून व्यवस्था भगवान भरोसे है? सांसद पप्पू यादव ने बाढ़ और चुनावी गड़बड़ी पर सवाल उठाए। जानिए उनकी महत्वपूर्ण बातें और राज्य सरकार के प्रति उनका गुस्सा।

Key Takeaways

  • कानून व्यवस्था को लेकर पप्पू यादव का गंभीर आरोप
  • बाढ़ में नेताओं की अनुपस्थिति
  • चुनाव आयोग की गड़बड़ियों पर सवाल उठाना
  • वोटर लिस्ट की पारदर्शिता की मांग
  • किसानों के हक की बात करना

पटना, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बिहार में कानून-व्यवस्था और बाढ़ की स्थिति पर राज्य सरकार पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं से किसी को भी कोई सरोकार नहीं है।

शनिवार को मीडिया से बातचीत में पप्पू यादव ने कहा कि जब पटना में बाढ़ आई थी, तब कोई नेता सामने नहीं आया। उन्होंने संसद में इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की, लेकिन माइक तुरंत बंद करवा दिया गया। उन्होंने नेताओं पर आरोप लगाया कि वे केवल मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनने की योजनाओं में व्यस्त हैं और जनता की समस्याओं से उन्हें कोई मतलब नहीं। "अब सब कुछ मार्केटिंग का खेल बन गया है, जहां किसी को इस बात की परवाह नहीं कि लोग जीते हैं या मरते हैं।"

पप्पू यादव ने राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट की पारदर्शिता पर सवाल उठना जायज है, क्योंकि यह सार्वजनिक संपत्ति है और सभी पार्टियों को इसे देखने का अधिकार है।

उन्होंने आरोप लगाया, "बिहार में पूर्णिया से २.७८ लाख और पटना से ३.५ लाख वोट काटे गए। साथ ही, एक महीने में २२ लाख लोगों के मरने, ३५ लाख लोगों के गायब होने और ७ लाख डुप्लिकेट नामों की बात सामने आई।"

पप्पू यादव ने दावा किया कि अगर ऐसा था तो चुनाव आयोग ने १६ साल में गड़बड़ी क्यों नहीं पकड़ी? अगर फर्जी वोटर लिस्ट के आधार पर हम लोग चुनाव जीत गए हैं तो लोकसभा भंग कर दोबारा चुनाव कराए जाने चाहिए।

सांसद ने आगे महाराष्ट्र और दिल्ली में भी चुनावी गड़बड़ियों का आरोप लगाया, जहां भाजपा-एनडीए ने कथित तौर पर पिछले दरवाजे से जीत हासिल की। उन्होंने एनडीए की मानसिकता को लुटेरों जैसी करार दिया और चेतावनी दी कि संसद को चलने नहीं दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी की ओर से किसानों को 20वीं किस्त जारी करने पर पप्पू यादव ने कहा कि किसानों का हक उन्हें मिलना चाहिए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पप्पू यादव के आरोप गंभीर हैं और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को बनाए रखना आवश्यक है।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

पप्पू यादव ने राज्य सरकार पर कौन से आरोप लगाए हैं?
पप्पू यादव ने कानून व्यवस्था और बाढ़ की स्थिति को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि नेताओं को जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
क्या पप्पू यादव ने चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं?
जी हां, उन्होंने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं।
पप्पू यादव ने कितने वोट काटे जाने का दावा किया है?
उन्होंने बिहार में पूर्णिया से २.७८ लाख और पटना से ३.५ लाख वोट काटे जाने का दावा किया है।