क्या बिहार को दागी हाथों की जगह प्रतिष्ठित हाथों की ज़रूरत है? - नीरज कुमार

सारांश
Key Takeaways
- बिहार का योगदान राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण है।
- दागी हाथों की बजाय प्रतिष्ठित हाथों की आवश्यकता है।
- कांग्रेस की टिप्पणियां बिहार के प्रति अपमानजनक मानी गई हैं।
- बिहार की पहचान महात्मा बुद्ध और देवी सीता से जुड़ी है।
- राष्ट्रीय हित सर्वोपरि होना चाहिए।
पटना, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और अन्य कांग्रेसियों द्वारा बिहारी समुदाय का अपमान करने पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कांग्रेस की टिप्पणियों को "निराधार" करार दिया।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में नीरज कुमार ने कहा, "क्या कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने वास्तव में निराधार बातें की हैं? बिहार ने देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और स्वतंत्रता संग्राम में भी इसका योगदान रहा है।"
उन्होंने कहा कि बिहार ने लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ संघर्ष किया है। बिहार को दागी हाथ नहीं, बल्कि प्रतिष्ठित हाथों की आवश्यकता है।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि बिहार का अपमान करना उनके लिए कोई नई बात नहीं है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की उस टिप्पणी का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने बिहार को "छोटा राज्य" कहा था।
उन्होंने यह भी कहा कि "केरल कांग्रेस के ट्वीट ने कांग्रेस का असली चेहरा दिखा दिया है। बिहार को बीड़ी का पर्याय नहीं माना जा सकता। बिहार तो महात्मा बुद्ध, देवी सीता, ज्ञान, सम्राट अशोक और सूफी संतों की भूमि है।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा पर नीरज कुमार ने कहा, "जहाँ तक ट्रंप के बयान का सवाल है, इसकी समीक्षा विदेश मंत्रालय करेगा। लेकिन हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री की चिंता राष्ट्रीय हित है और यही महत्वपूर्ण है।"