क्या बिहार में महिलाओं को सेनेटरी पैड बांटने का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है।
- राजनीतिकरण से परहेज करना चाहिए।
- कांग्रेस ने जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया है।
- सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हर नागरिक की सुरक्षा करे।
- महिलाओं की आवाज को सुनना आवश्यक है।
मुंबई, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव से पूर्व, कांग्रेस ने राज्य में पांच लाख महिलाओं को मुफ्त सेनेटरी पैड वितरित करने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार को पत्रकारों के समक्ष इस निर्णय की प्रशंसा की। उन्होंने एनडीए सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करने की सलाह दी।
नाना पटोले ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, "महाराष्ट्र चुनाव से पहले भाजपा और महायुति की सरकार ने महिलाओं को 1,500 रुपए देने का निर्णय लिया, यह जनता के धन का दुरुपयोग है, जिसका जवाब किसी ने नहीं मांगा। वहीं, महिलाओं का सबसे बड़ा मुद्दा, जिस पर पूरे देश में चर्चा हो रही है, इस पर सुविधाएं मिलनी चाहिए और जागरूकता बढ़नी चाहिए, जिसके लिए कांग्रेस काम कर रही है। इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस के इस निर्णय का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।"
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के एक भाषण में "जय हिंद", "जय महाराष्ट्र" के साथ "जय गुजरात" का उल्लेख करने पर नाना पटोले ने इसे गलत ठहराया। उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र की भूमि पर उपमुख्यमंत्री का यह बयान निंदनीय है। महाराष्ट्र में किसी अन्य राज्य का नाम लेना अनुचित है। यदि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री यहां आते हैं, तो उन्हें 'जय महाराष्ट्र' कहना चाहिए। लेकिन शिंदे के बयान से स्पष्ट है कि वह गुजरात के नेताओं से आज भी डरते हैं।"
भाजपा नेता नितेश राणे द्वारा प्रदेश में हिंदुओं को मराठी बोलने से रोकने के बयान पर कांग्रेस के नेता ने कहा, "जिन्होंने हिंदुओं का नाम लेकर सरकार बनाई, उन्हीं के राज्य में हिंदू कैसे खतरे में हो सकते हैं? सरकार को हिंदुओं को डराने का अधिकार नहीं है। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह प्रदेश के हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करे।"