क्या बिहार में एनडीए की सरकार फिर से बनेगी? : गुलाम अली खटाना
सारांश
Key Takeaways
- विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है।
- बिहार की जनता एक बार फिर एनडीए को समर्थन देने को तैयार है।
- यह लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने में सहायक है।
- पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी हैं।
- वक्फ कानून को पारदर्शिता के साथ लागू करने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस-राजद को एसआईआर से क्या समस्या है? विपक्ष इतना चिंतित क्यों है?
गुलाम अली खटाना ने आगे कहा कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी भारतीय नागरिकों के वोट एकत्र किए जाएंगे। जिनका निधन हो गया है, उनके नामों को हटाया जाएगा। असली भारतीय नागरिकों के वोट बनाए जाएंगे, जबकि पलायन कर चुके लोगों के वोट एक स्थान पर ही बनाए जाएंगे। जो लोग वोट नहीं डाल पाए हैं, उनके लिए भी वोट बनेंगे। जो बाहर के हैं, उनके वोट तो कटना ही है। इसमें गलत क्या है? हमें चुनाव आयोग के इस कदम का स्वागत करना चाहिए।
गुलाम अली खटाना ने एसआईआर को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसी सरकारें ‘डबल मतदाता’ बनाने की कोशिश कर रही हैं, जो अनुचित है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत में किसी को भी दोहरी मतदान की अनुमति नहीं दी जा सकती।
बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में, गुलाम अली खटाना ने कहा कि बिहार की जनता ने निश्चय कर लिया है कि वे एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनाएंगे।
एसआईआर के कार्यान्वयन पर, गुलाम अली खटाना ने कहा कि इतनी बड़ी जनसंख्या और प्रशासनिक व्यवस्था वाले देश में, लोगों का विश्वास बनाए रखना बेहद आवश्यक है। यही लोकतंत्र की नींव है। देश का हर नागरिक मतदाता बनेगा और जो वोट देने के योग्य हैं, वे वोट देंगे। इसमें नए मतदाताओं को भी जोड़ा जाएगा। पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतंत्र में लोगों का विश्वास बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
वक्फ कानून पर राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान पर गुलाम अली खटाना ने कहा कि असली मुद्दा यह है कि कौन किस चीज को कूड़ेदान में फेंकेगा या कब फेंकेगा। असल में, बाहरी लोग कुप्रबंधन बर्दाश्त नहीं करेंगे। वक्फ के संबंध में, देश के अधिकारी इसे एक बेहतर संगठन बनाना चाहते हैं, जो पारदर्शिता, जवाबदेही और स्पष्टता सुनिश्चित करे।