क्या सरकार विपक्ष की आवाज को दबा रही है? मुकेश सहनी का आरोप
सारांश
Key Takeaways
- सरकार की नीतियों पर विपक्ष की आलोचना हो रही है।
- राबड़ी देवी के आवास का मुद्दा राजनीतिक विवाद बना हुआ है।
- जनहित में कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
- सरकार का विजन सवालों के घेरे में है।
- जनता की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी।
पटना, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने बिहार की एनडीए सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
पटना में मीडिया से चर्चा के दौरान मुकेश सहनी ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास को खाली करने की कार्रवाई की निंदा की।
उन्होंने कहा कि सरकार को जनहित के कार्य करने चाहिए, लेकिन उनके पास ऐसा कोई विजन नहीं है। ठंड के समय में गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाना उचित नहीं है। पहले उन्हें बसाना चाहिए, फिर कार्रवाई करनी चाहिए। राबड़ी देवी पिछले दो दशकों से उस आवास में रह रही हैं और उन्हें परेशान किया जा रहा है। यह सरकार का कर्तव्य नहीं है। जनता के हित में कार्य करना सरकार का प्राथमिक काम है, न कि विपक्षी नेताओं को तंग करना। विपक्ष की ज़िम्मेदारी है कि वह जनता की आवाज उठाए, लेकिन इस सरकार में विपक्ष को डराने का प्रयास किया जा रहा है। हम लोग डरने वाले नहीं हैं।
मुकेश सहनी ने कहा कि जब वे मंत्री थे, तब भी आवास खाली कर दिया था, लेकिन राबड़ी देवी के आवास को लेकर विवाद खड़ा करना उचित नहीं है। जनता ने एनडीए सरकार को काम करने का अवसर दिया है, और उन्हें जनहित में कार्य करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए ने जनादेश को चुराया है और 10 हजार रुपए बांटकर सरकार बनाई है।
उन्होंने नीतीश कुमार और अमित शाह की मुलाकात का उल्लेख करते हुए कहा कि बिहार में सरकारी कर्मचारियों के लिए पैसे नहीं हैं। जब तक केंद्र से पैसा नहीं आएगा, तब तक कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिलेगी। केंद्र सरकार पैसे नहीं देगी तो सैलरी नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि जनता सब कुछ देख रही है और आने वाले समय में इसका जवाब मिलेगा।