क्या भाजपा को जन सुराज से डर लग रहा है, क्या वह प्रत्याशियों को तोड़ रही है?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा पर जन सुराज के प्रत्याशियों को तोड़ने का आरोप।
- प्रशांत किशोर का बयान, जिसमें उन्होंने भाजपा के डर को उजागर किया।
- नागरिकों को जन सुराज का विकल्प देने की कोशिश।
पटना, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि भाजपा को महागठबंधन से नहीं, बल्कि जन सुराज से डर है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने जन सुराज के प्रत्याशियों को तोड़ने का प्रयास किया है।
प्रशांत किशोर ने पटना में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दानापुर, गोपालगंज और ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्रों के जन सुराज के प्रत्याशियों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन तीनों पर दबाव डालकर चुनाव लड़ने से रोका गया। उन्होंने कहा कि भाजपा को पता है कि वह महागठबंधन के जंगलराज का भय दिखाकर वोट प्राप्त कर लेगी, लेकिन असल में उन्हें जन सुराज से डर है।
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के तीन घोषित प्रत्याशियों को या तो नामांकन नहीं करने दिया गया या फिर नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया गया। दानापुर से जन सुराज के प्रत्याशी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राजद के प्रत्याशी रीतलाल यादव जेल में हैं, जिसका लाभ भाजपा उठा रही है। इस बार जनता के पास जन सुराज जैसा विकल्प था।
प्रशांत ने आरोप लगाया कि मंत्रियों ने हमारे उम्मीदवार अखिलेश उर्फ मुटुर शाह को नामांकन के लिए निर्वाचन कार्यालय तक नहीं पहुँचने दिया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुर के घोषित प्रत्याशी डॉ. सत्यप्रकाश तिवारी और गोपालगंज से प्रत्याशी शशि शेखर सिन्हा को भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला गया। प्रशांत किशोर ने इस प्रेस वार्ता में इससे संबंधित तस्वीरें भी साझा कीं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भाजपा ने एक ऐसी छवि बना ली है कि चाहे चुनाव कोई भी जीते, सरकार वही बनाते हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में भाजपा ने फिर से डर और भ्रम का माहौल तैयार किया है। उन्होंने आगे कहा कि हम किसी से डरने वाले नहीं हैं और हमारी पार्टी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी। उल्लेखनीय है कि प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने इस विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है।