क्या भाजपा महागठबंधन में गतिरोध की अफवाह फैला रही है? हम एकजुट हैं: सुरेंद्र राजपूत

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन में कोई गतिरोध नहीं है।
- भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की आवश्यकता है।
- वक्फ अधिनियम पर बैठक का अधिकार है।
- राजपूत ने यूपीपीएससी परीक्षा की आशंका पर टिप्पणी की।
- हरिओम वाल्मीकि के परिजनों को मुआवजा दिया जाना चाहिए।
लखनऊ, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने यह स्पष्ट किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई भी विवाद या गतिरोध नहीं है। उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक गठबंधन और बिहार का महागठबंधन एकजुटता के प्रतीक हैं।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में राजपूत ने भाजपा और उसके इकोसिस्टम द्वारा फैलाए जा रहे गतिरोध के दावों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि आज तेजस्वी यादव दिल्ली आ रहे हैं, और लालू प्रसाद यादव भी वहीं हैं। हम सब मिलकर आज शाम तक एक महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे। सीटों की अंतिम सूची भी जल्द ही जारी की जाएगी।
कांग्रेस नेता ने भारत-कनाडा संबंधों में सुधार के संकेतों का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कनाडा की विदेश मंत्री का भारत आना स्वागत योग्य है। पिछले 75 वर्षों में हर प्रधानमंत्री ने भारत को मजबूत किया है, जो हमारी आर्थिकी की ताकत का प्रमाण है। इसलिए हर देश हमारे साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, राजपूत ने 2014 के बाद की केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उनका कहना था कि उस समय के बाद से कमजोर नेतृत्व के कारण हमारी रक्षा और आर्थिक नीतियाँ प्रभावित हुई हैं।
वक्फ संशोधन अधिनियम से संबंधित ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक पर राजपूत ने कहा कि उन्हें इस तरह की बैठक करने का पूरा अधिकार है।
बैठक में जिन दिक्कतों का सामना किया जा रहा है, उनका समाधान किया जाना चाहिए। यदि कोई समस्या है तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए और अपनी दिक्कतें दूर करानी चाहिए। सभी दलों और बोर्डों को बैठक करने का अधिकार है। इस बैठक में कुछ भी अनुचित नहीं है।
दिल्ली सरकार द्वारा कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय पर सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि केंद्र सरकार को इस पर क्यों प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए? जांच का कार्य क्यों नहीं हो रहा है? राज्य सरकार को इस मुद्दे पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। केंद्र को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि कहीं यह इलेक्टोरल बॉंड का मामला तो नहीं है।
यूपीपीएससी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के संबंध में राजपूत ने कहा, "देखिए, साढ़े छह लाख परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। जो परीक्षार्थी सफल नहीं होंगे, उन्हें अगली बार के लिए तैयारी करनी चाहिए। हमें उम्मीद है कि यह परीक्षा लीक नहीं होगी।"
रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि के परिजनों से सीएम योगी आदित्यनाथ की मुलाकात पर राजपूत ने कहा कि उन्हें 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
सुरेंद्र राजपूत ने कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की हत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि क्या उनके परिजनों को मुआवजा मिला? भाजपा केवल झूठ बोलती है, कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। यह मामला चंदन गुप्ता की तरह तो नहीं हो जाएगा। चंदन गुप्ता के परिवार को भी सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।
अफगानिस्तान-पाकिस्तान तनाव पर राजपूत ने कहा कि यह हमारा विषय नहीं है, लेकिन यदि हमारा नेतृत्व मजबूत होता तो पीओके हमारा होता, लेकिन सीजफायर कर दिया गया।