क्या सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए तानाशाही कर रही है: अखिलेश यादव

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा की तानाशाही प्रवृत्तियाँ
- बरेली में प्रतिनिधिमंडल का रोका जाना
- आगरा की घटना का उल्लेख
- पीडीए का एकजुट होना
- 2027 के चुनावों का पूर्वानुमान
लखनऊ, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र की हत्या और संविधान के खिलाफ कार्य करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बरेली जा रहे समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को पुलिस द्वारा रोकना एक बेहद निंदनीय कदम है। यह सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए तानाशाही का सहारा ले रही है।
अखिलेश यादव ने बताया कि हाल ही में राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के नेतृत्व में जा रहे प्रतिनिधिमंडल को भी रोका गया था। उनके निर्देश पर बरेली जाने वाले दूसरे प्रतिनिधिमंडल को भी विभिन्न स्थानों पर पुलिस ने रोक दिया। सपा प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य बरेली के डीआईजी और कमिश्नर से मुलाकात कर शांति बहाली की दिशा में पहल करना था, लेकिन जिलाधिकारी ने निषेधाज्ञा का हवाला देकर उन्हें रोक दिया।
उन्होंने जानकारी दी कि पुलिस ने वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पाण्डेय, सांसद हरेन्द्र मलिक, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क, मोहिबुल्लाह नदवी, नीरज मौर्य, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव, प्रवीण सिंह ऐरन, जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप, महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी, विधायक अताउर्रहमान और शहजिल इस्लाम अंसारी सहित कई नेताओं को उनके घरों में बंद कर दिया।
आगरा की घटना का उल्लेख करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी और मकानों-दुकानों पर बुलडोजर चलाना सरकार की दमनकारी नीति का एक उदाहरण है। विपक्ष को पीड़ित परिवारों से मिलने से रोककर भाजपा ने अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने का प्रयास किया है। बरेली की जनता पर दमनचक्र चलाकर भाजपा कुछ भी हासिल नहीं कर पाएगी। पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) जाग चुका है और उनकी एकजुटता के सामने भाजपा का अन्याय टिकने वाला नहीं है।
अखिलेश यादव ने दावा किया कि 2027 के चुनावों में भाजपा सरकार का सूपड़ा साफ होना निश्चित है।