क्या भाजपा विपक्ष का तिरस्कार कर रही है?: विवेक तन्खा

Click to start listening
क्या भाजपा विपक्ष का तिरस्कार कर रही है?: विवेक तन्खा

सारांश

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें विपक्ष के नेताओं को निमंत्रण न भेजने और कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर चर्चा की कमी शामिल है। क्या भाजपा वास्तव में विपक्ष का तिरस्कार कर रही है? जानिए इस मुद्दे पर विवेक तन्खा का क्या कहना है।

Key Takeaways

  • विपक्ष का सम्मान लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।
  • कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर चर्चा का अभाव चिंता का विषय है।
  • सरकार को अपनी नीतियों में सुधार करना चाहिए।
  • राजनीतिक दलों को आपसी सम्मान दिखाना चाहिए।
  • संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति भवन में आयोजित रात्रिभोज में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण न भेजने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।

विवेक तन्खा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि इस सवाल का जवाब केवल केंद्र सरकार दे सकती है कि विपक्ष के किसी नेता को रात्रिभोज में शामिल होने का निमंत्रण क्यों नहीं दिया गया। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्ता और शक्ति को संतुलित करने के लिए विपक्ष का सम्मान अनिवार्य है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौजूदा सरकार द्वारा लगातार विपक्ष का तिरस्कार किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि यदि केंद्र सरकार विपक्षी दलों को सम्मान नहीं देना चाहती, तो उसे यह स्पष्ट करना होगा कि इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था को कैसे मजबूत किया जा सकेगा।

उन्होंने आगे कहा कि कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर मैंने आज सदन में एक बिल प्रस्तुत किया था। मुझे उम्मीद थी कि इस पर चर्चा होगी, लेकिन अफसोस कि इस पर कोई चर्चा नहीं हुई। भाजपा ने अपने लोगों को सभी निर्धारित बिंदुओं पर तैनात करके समय बर्बाद किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा को कश्मीरी पंडितों की परवाह नहीं है। यह राजनीतिक दल केवल अपने हितों के बारे में ही सोचती है।

उन्होंने सवाल किया कि क्या कश्मीरी पंडितों को ये लोग भारत के बच्चे नहीं मानते? मेरा भाजपा के लोगों से सीधा सवाल है कि हम ऐसी स्थिति को स्वीकार नहीं कर सकते। आपने समय बर्बाद कर कश्मीरी पंडितों के हितों पर कुठाराघात किया है। यदि संसद कश्मीरी पंडितों की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है, तो फिर किसकी बात सुनी जाएगी? इस पर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि एक मजबूत लोकतंत्र के लिए विपक्ष का सम्मान आवश्यक है। यदि सरकार विपक्ष को नजरअंदाज करती है, तो इससे लोकतांत्रिक मूल्यों को खतरा हो सकता है। राजनीतिक दलों को एक-दूसरे के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए ताकि लोकतंत्र मजबूत हो सके।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

विवेक तन्खा ने किस मुद्दे पर बात की?
उन्होंने विपक्ष के नेताओं को निमंत्रण न भेजने और कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर चर्चा की कमी पर बात की।
भाजपा पर क्या आरोप लगाए गए हैं?
विवेक तन्खा ने भाजपा पर विपक्ष का तिरस्कार करने का आरोप लगाया है।
Nation Press