क्या चिदंबरम का बयान 'मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने' वाला है? : विजय वडेट्टीवार

सारांश
Key Takeaways
- चिदंबरम के बयान पर सियासी हलचल बढ़ी है।
- विजय वडेट्टीवार ने इसे 'खोखला' कहा है।
- बयान ने कांग्रेस के भीतर असहज स्थिति पैदा की है।
- यह बयान 26/11 के हमले की गंभीरता को पुनः उजागर करता है।
- भाजपा ने इसे यूपीए सरकार की कमजोर नीति का सबूत बताया।
मुंबई, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व यूपीए सरकार के केंद्रीय मंत्री रहे पी. चिदंबरम के 26/11 मुंबई आतंकी हमले पर हाल में दिए गए बयान ने सियासी हलचल को बढ़ा दिया है। उनके बयान के बाद कांग्रेस नेताओं के लिए स्थिति असहज हो गई है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने चिदंबरम के बयान को 'खोखला' बताते हुए कड़ी आलोचना की है.
विजय वडेट्टीवार ने कहा, "चिदंबरम जी ने क्या कहा, मुझे पता नहीं, लेकिन वे 26/11 के समय केंद्र सरकार में हमारे नेता थे। हम केवल दिखावे के लिए बात नहीं करते।" उन्होंने 2008 के मुंबई हमले की भयावहता को याद करते हुए कहा, "250 किलो आरडीएक्स के साथ कई जवान शहीद हुए। यह कौन लाया, कहाँ से आया, यह अब तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। पहलगाम हमले को खोजने में कितना समय लगा, और उसके असली स्रोत पर जानकारी स्पष्ट नहीं हुई।"
वडेट्टीवार ने चिदंबरम के बयान को 'मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने' की कोशिश बताया। उन्होंने कहा, "किसी ऑपरेशन या भारत-पाक मैच जैसी घटनाओं का पैसा कमाने के नए धंधे की तरह इस्तेमाल करना गलत है। कांग्रेस का इतिहास और देश के लिए किए गए काम, जैसे लाहौर तक कौन गया या बांग्लादेश के विभाजन में किसका योगदान था, ये अलग बातें हैं। लेकिन गंभीर मुद्दों पर केवल खाली दावे करना और दिखावा करना ठीक नहीं। हमें स्वाभिमान के साथ तथ्यों पर बात करनी चाहिए।"
गौरतलब है कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के 17 साल बाद पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के एक बयान ने चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई थी, लेकिन अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण इसे टाल दिया गया था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य नेताओं से मुलाकात कर युद्ध न करने की सलाह दी थी।
भाजपा ने चिदंबरम के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और तत्कालीन यूपीए सरकार की कमजोर नीति का सबूत बताया।