क्या चिकित्सा केवल एक पेशा है, या यह मानवता की सेवा है? : राष्ट्रपति मुर्मू

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क्या चिकित्सा केवल एक पेशा है, या यह मानवता की सेवा है? : राष्ट्रपति मुर्मू

सारांश

गोरखपुर में एम्स के पहले दीक्षांत समरोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि चिकित्सा एक पेशा नहीं, बल्कि मानवता की सेवा है। उन्होंने चिकित्सकों की भूमिका और मेडिकल टूरिज्म के महत्व को भी रेखांकित किया। जानें इस समारोह में और क्या कहा गया।

Key Takeaways

  • चिकित्सा केवल एक पेशा नहीं, मानवता की सेवा है।
  • चिकित्सकों को गाँवों में तैनात किया जाना चाहिए।
  • एम्स जैसे संस्थानों का मेडिकल टूरिज्म में महत्वपूर्ण योगदान है।
  • भारत की स्वास्थ्य सेवाएं तकनीक के साथ विकसित हो रही हैं।
  • हर मरीज को उम्मीद की नई किरण मिलती है।

गोरखपुर, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के पहले दीक्षांत समरोह में मेधावी छात्रों को पदक और मेडल देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि चिकित्सा केवल एक पेशा नहीं, मानवता की सेवा है।

राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह के दौरान बताया कि चिकित्सा एक पेशा नहीं, बल्कि मानवता की सेवा है। चिकित्सकों की तैनाती गाँवों में भी होनी चाहिए, ताकि सभी को बेहतर इलाज मिल सके। चिकित्सकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि चिकित्सक कभी रिटायर नहीं होते, वे हमेशा सेवा करते रहते हैं।

उन्होंने कहा कि मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने में एम्स जैसे संस्थान का महत्वपूर्ण योगदान है। अन्य देशों से लोगों को यहाँ कम खर्च में इलाज कराने के लिए आना पड़ता है। हमारे देश में डॉक्टरों को भगवान की तरह पूजा जाता है। संवेदनशील चिकित्सक न केवल इलाज से, बल्कि अपने व्यवहार से भी मरीजों को ठीक होने में मदद करते हैं। उन्होंने चिकित्सकों के सामाजिक योगदान और राष्ट्र निर्माण में उनकी अहम भूमिका को उजागर किया।

उन्होंने कहा कि भारत की स्वास्थ्य सेवाएँ अब तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। टेली-मेडिसिन, एआई, और वियरेबल टेक्नोलॉजी जैसी उन्नत विधियाँ मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर बना रही हैं। भारत में इलाज का खर्च कई अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है, जिसके कारण विदेशों से भी लोग यहाँ इलाज के लिए आते हैं। यह भारत की गौरव की गाथा है।

उन्होंने कहा कि एम्स संस्थान भारत की चिकित्सा क्षमता का प्रतीक हैं। यहाँ हर मरीज को उम्मीद की नई किरण दिखाई देती है। इस संस्थान ने देश में चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और उपचार के क्षेत्र में उच्चतम मानक स्थापित किए हैं। एम्स गोरखपुर ने बहुत कम समय में शिक्षा, अनुसंधान और चिकित्सा सेवाओं में उल्लेखनीय प्रगति की है।

गोरखपुर के पहले दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संस्थान की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान गुणवत्ता, सेवा और नवाचार की परंपरा को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है और क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त बना रहा है। यह संस्थान देश की स्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त बनाता है, और एम्स गोरखपुर इस गौरवपूर्ण परंपरा को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहा है।

Point of View

बल्कि यह मानवता की सेवा करने का एक माध्यम है। देश की स्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए हमें चिकित्सकों की सामाजिक जिम्मेदारी को समझना होगा।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

राष्ट्रपति मुर्मू ने चिकित्सा के बारे में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि चिकित्सा केवल एक पेशा नहीं, बल्कि मानवता की सेवा है।
एम्स गोरखपुर का महत्व क्या है?
यह संस्थान चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और उपचार के क्षेत्र में उच्चतम मानक स्थापित कर रहा है।