क्या चीन से धन प्राप्त करने वाले हमें विदेश नीति पर ज्ञान देने का हक रखते हैं? : तरुण चुघ

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का चीन प्रेम सार्वजनिक है।
- कांग्रेस ने भारत की विदेश नीति को कमजोर किया था।
- आज भारत की विदेश नीति में मजबूती आई है।
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
- देश में गांधी परिवार के प्रति लोगों की नज़रें बदल रही हैं।
नई दिल्ली, १६ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर पर भारत की विदेश नीति को कमजोर करने का आरोप लगाया है। इस पर भाजपा नेता तरुण चुघ की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी हमें विदेश नीति पर ज्ञान दे रहे हैं। उनका ज्ञान हमें नहीं चाहिए, क्योंकि यह तथ्य छिपा नहीं है कि राहुल गांधी वो व्यक्ति हैं जो चुपचाप चीनी अधिकारियों से मिलते रहे हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि जो लोग चीन के साथ एमओयू साइन करते हैं, वे हमें विदेश नीति पर ज्ञान कैसे दे सकते हैं? राहुल गांधी ने हमेशा भारत की विदेश नीति को कमजोर करने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि देश अब जान चुका है कि गांधी परिवार का चीन के प्रति लगाव पुराना है। लोग नहीं भूल सकते कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब 'हिंदी-चीनी भाई-भाई' का नारा देकर देश ने १९६२ का युद्ध झेला था।
तरुण चुघ ने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में भारत की विदेश नीति कमजोर थी और सभी लोग भारत को छोटी नजरों से देखते थे। लेकिन आज स्थिति बिल्कुल अलग है। आज भारत की विदेश नीति में मजबूती आई है और पूरी दुनिया में भारत को सम्मान की दृष्टि से देखा जा रहा है। कांग्रेस ने वैश्विक मंच पर भारत की विदेश नीति को कमजोर करने का प्रयास किया, लेकिन आज जब देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है, तो कुछ लोगों को परेशानी हो रही है।
इसके अलावा, शंघाई सहयोग संगठन में विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा पहलगाम आतंकी हमले को उठाने की सराहना की और कहा कि विदेश मंत्री ने वैश्विक मंच पर आतंकवाद के मुद्दे को उठाया। उन्होंने यह संदेश फैलाने की कोशिश की कि भारत आतंकवाद के खिलाफ है। भारत हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाता आया है और आगे भी रखेगा।