क्या चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था पर लोकसभा में प्रश्न उठाने का सही समय चुना?

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क्या चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था पर लोकसभा में प्रश्न उठाने का सही समय चुना?

सारांश

क्या चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था पर उठाए सवालों को लोकसभा में रखने का सही समय चुना? जानिए पशुपति कुमार पारस के विचार और बिहार की राजनीति की दिशा में संभावित बदलाव।

Key Takeaways

  • चिराग पासवान ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है।
  • पशुपति कुमार पारस ने चिराग को लोकसभा में सवाल उठाने की सलाह दी।
  • बिहार में महागठबंधन की संभावना बढ़ रही है।
  • संविधान में सबको समान अधिकार दिए गए हैं।
  • चुनाव आयोग के खिलाफ धरना-प्रदर्शन की योजना है।

पटना, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि चिराग को इस मुद्दे को लोकसभा में उठाना चाहिए था।

पारस ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि चिराग पासवान, जो खुद एक सांसद और भारत सरकार में मंत्री हैं तथा दलित समाज से आते हैं, को यह सवाल उठाना चाहिए था कि बिहार में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं, और बड़े-बड़े कारोबारी मारे जा रहे हैं। वहाँ भय का माहौल है कि अगर मंत्री मंडल से इस्तीफा देना पड़ा तो क्या होगा, और ऐसे में बाहर आकर बयानबाजी करना उचित नहीं है।

पारस ने कहा कि अगर चिराग पासवान एनडीए से संतुष्ट नहीं हैं, तो उन्हें उस गठबंधन से समर्थन वापस ले लेना चाहिए। हंसना और गाल फुलाना एक साथ नहीं होता – जिस घर में आपको सम्मान नहीं मिलता, उसे छोड़ देना चाहिए।

बिहार चुनाव में गठबंधन के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि देश में दो मुख्य गठबंधन हैं, एनडीए और इंडी अलायंस। एनडीए से हमारा नाता खत्म हो चुका है, और महागठबंधन से भी हमारी बातचीत चल रही है। हम जल्द ही विधिवत महागठबंधन में शामिल हो जाएंगे और इसके बाद बिहार की राजनीति तय करेंगे।

तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार वाले बयान पर उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने संविधान में सभी को समान अधिकार दिए हैं। देश की जनता को मौलिक अधिकार के तहत वोट देने का अधिकार है। अगर गरीब वंचितों को वोट देने से रोका जाएगा, तो यह एक ज्वालामुखी के फटने जैसा होगा। हम लोग चुनाव आयोग के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करेंगे।

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी के 60 सीट की मांग पर पारस ने कहा कि सीट शेयरिंग पर मिलकर काम करना चाहिए। बिहार में 243 सीटें हैं और छह-सात दल महागठबंधन में हैं। जहां जिनके दल में जीतने वाले उम्मीदवार हैं, उन्हें प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

Point of View

बिहार की कानून व्यवस्था पर उठाए गए सवालों का महत्व समझना आवश्यक है। यह मुद्दा न केवल बिहार की राजनीति को प्रभावित करता है, बल्कि देश की कानून व्यवस्था और समाज के सबसे कमजोर वर्गों के अधिकारों पर भी गहरा असर डालता है।
NationPress
30/07/2025

Frequently Asked Questions

चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था पर क्या कहा?
चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि दलितों पर अत्याचार हो रहा है।
पशुपति कुमार पारस का इस पर क्या कहना है?
पारस ने कहा कि चिराग को इस मुद्दे को लोकसभा में उठाना चाहिए था।
बिहार के चुनावी गठबंधन के बारे में क्या जानकारी है?
पारस ने बताया कि महागठबंधन में शामिल होने की बातचीत चल रही है।