क्या जम्मू एयरपोर्ट पर पल्स पोलियो कार्यक्रम स्वास्थ्य सुरक्षा का अहम कदम है?
सारांश
Key Takeaways
- जम्मू एयरपोर्ट पर पल्स पोलियो बूथ लगाए गए।
- यात्रा के दौरान बच्चों को पोलियो की खुराक देने का प्रयास।
- स्वास्थ्य कर्मियों ने यात्रियों को जागरूक किया।
- पोलियो से बचाव के लिए समय पर टीकाकरण महत्वपूर्ण है।
- यह कार्यक्रम देशव्यापी प्रयास का हिस्सा है।
श्रीनगर, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के अवसर पर जम्मू एयरपोर्ट पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राज्य स्वास्थ्य समिति के सहयोग से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, जम्मू एयरपोर्ट के निदेशक देवेंद्र यादव के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि यात्रा के दौरान कोई भी बच्चा पोलियो की खुराक से वंचित न रह सके।
इस अवसर पर जम्मू एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन में आगमन और प्रस्थान क्षेत्रों में विशेष पल्स पोलियो बूथ लगाए गए। इन बूथों पर यात्रियों के साथ यात्रा कर रहे छोटे बच्चों को पोलियो की बूंदें पिलाई गईं। स्वास्थ्य कर्मियों और स्वयंसेवकों ने यात्रियों को यह जानकारी दी कि पोलियो से बचाव के लिए समय पर टीकाकरण अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम के दौरान एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में यात्रियों की आवाजाही रही, जिससे कई बच्चों तक पोलियो की खुराक पहुंचाई जा सकी। अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के स्थानों पर टीकाकरण अभियान चलाने से उन बच्चों तक पहुंच बनाई जा सकती है जो यात्रा या अन्य कारणों से नियमित टीकाकरण से छूट सकते हैं।
राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का यह आयोजन देश की उस मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिसके अंतर्गत बच्चों को पोलियो जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षित रखा जा रहा है। पोलियो न केवल बच्चों को जीवनभर की विकलांगता की ओर धकेल सकता है, बल्कि पूरे समाज पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। ऐसे में समय पर पोलियो ड्रॉप्स देना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की पहल भारत की पोलियो-मुक्त स्थिति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। जम्मू एयरपोर्ट पर आयोजित यह अभियान स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक प्रशंसनीय कदम माना जा रहा है।
यह अभियान देशव्यापी प्रयास का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना और पोलियो की वापसी को रोकना है।
भारत पोलियो-मुक्त भले ही हो, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के लिए टीके की हर खुराक आवश्यक है। 0 से 5 वर्ष के बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स देने से उन्हें भविष्य की गंभीर बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।