क्या चुनाव आयोग नैतिकता खोकर भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है? : अलका लांबा

सारांश
Key Takeaways
- वोटर अधिकार यात्रा का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को रोजगार प्रदान करना है।
- चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारों पर काम करने का आरोप।
- यात्रा 1,300 किलोमीटर की होगी और 25 जिलों से गुजरेगी।
- बिहार की वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता।
- चुनाव आयोग की स्वतंत्रता की आवश्यकता।
गया, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' शुरू की गई है। इस अवसर पर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने चुनाव आयोग और भाजपा पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने नैतिकता खोकर भाजपा के इशारे पर काम करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने 'वोटर अधिकार यात्रा' के बारे में कहा कि यह यात्रा सासाराम, रोहतास नगर और औरंगाबाद से गुजरते हुए गया में तीसरे जिले में पहुंचेगी, और इसके बाद चौथा जिला भी आएगा। यात्रा कम से कम सोलह दिनों तक चलेगी, जिसमें 1,300 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 25 जिलों से गुजरेगी। इसका मुख्य उद्देश्य बिहार के उन ग्रामीण युवाओं को रोजगार प्रदान करना है, जो वर्तमान में बेरोजगार हैं।
उन्होंने बताया कि गरीब आज भी अपने लिए पक्का मकान मांग रहा है। गरीब के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल रही है। अस्पतालों की स्थिति बेहद खराब है। मरीजों को दवा भी नहीं मिल रही है, जिसके चलते एक दलित बच्ची की जान चली गई। यह लड़ाई 'वोट चोरी' के साथ बिहार की बदहाल स्थिति को लेकर है।
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने एक झटके में 65 लाख मतदाताओं को सूची से बाहर कर दिया। चुनाव आयोग को 'वोट चोरी' की लड़ाई में झुकना पड़ा है। जिन मतदाताओं का नाम कट गया है, आयोग को उनकी सूची जारी करनी चाहिए। यदि जनता के मताधिकार को छीना गया, तो लोगों को रोजगार, पक्के मकान और बच्चों की शिक्षा का अधिकार नहीं मिलेगा। अब बिहार में भाजपा का जादू खत्म होगा। चुनाव आयोग नैतिकता खोकर भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है।
कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के प्रति जनता में गजब का उत्साह और समर्थन है। जब तक एसआईआर है, जनता का सैलाब उमड़ता रहेगा। बिहार की जनता को उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जाएगा। राहुल गांधी इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए 1,300 किलोमीटर लंबी यात्रा पर निकले हैं। चुनाव आयोग को जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह स्पष्ट करना पड़ेगा कि बिहार में एसआईआर नहीं होगा।