क्या चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है? दयाशंकर सिंह का बयान

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग की स्वायत्तता महत्वपूर्ण है।
- राजनीतिक स्थिरता का समर्थन करना आवश्यक है।
- धर्मांतरण के मामलों में उचित कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
बलिया, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने रविवार को विपक्ष द्वारा लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों को ठुकराया।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा, “चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है और किसी को भी इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। भारतीय लोकतंत्र विश्व में सबसे बड़ा है। सभी को चुनाव आयोग पर विश्वास है। आयोग जो भी करेगा, वह जनता के हित में होगा।”
अहमदाबाद विमान हादसे पर उन्होंने कहा, “प्रारंभिक जांच के बाद जो रिपोर्ट प्राप्त हुई है, उस पर सरकार ध्यान देगी और आवश्यक कदम उठाएगी।”
कांवड़ यात्रियों के बारे में उन्होंने कहा, “हमने कांवड़ यात्रियों के मार्गों से बसों को डायवर्ट कर दिया है। अब कांवड़ियों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी। हालांकि, आम लोगों को थोड़ी अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है, लेकिन यह महज एक महीने की बात है।”
धर्मांतरण कराने वाले छांगुर बाबा पर नए खुलासों पर उन्होंने कहा, “कानून अपने अनुसार कार्य करेगा। जो भी कानून के दायरे में आएगा, उस पर उचित कार्रवाई होगी। भारत का संविधान सर्वोच्च है।”
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को धर्मांतरण का संगठित गिरोह चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसकी कई संपत्तियों पर बुलडोजर भी चलाया गया है। जांच में आरोपी के कई खातों में करोड़ों की विदेशी फंडिंग की जानकारी सामने आई है।