क्या सीजेआई के साथ हुए दुर्व्यवहार से हर भारतीय आहत है? : सुधांशु त्रिवेदी

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के साथ दुर्व्यवहार निंदनीय है।
- हर भारतीय को ऐसे आचरण से आहत होना चाहिए।
- संविधान का पालन करना सभी का कर्तव्य है।
- पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।
- राजनीतिक नेताओं पर हमले लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई के साथ किए गए दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आचरण से हर भारतीय आहत होता है।
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि देश के मुख्य न्यायाधीश के साथ जिस प्रकार का व्यवहार किया गया, उसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूरी तरह से नकारती है। ऐसा व्यवहार हर भारतीय को गहरी चोट पहुँचाता है।
उन्होंने बताया कि भाजपा के दृष्टिकोण से इस तरह की घटनाएं अत्यंत निंदनीय हैं। यह न केवल निंदनीय हैं, बल्कि हर भारतीय की भावनाओं को ठेस पहुँचाती हैं, क्योंकि ऐसा आचरण भारत की सामाजिक परंपरा, संवैधानिक गरिमा और सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ है। संविधान का पालन करना हर भारतीय का कर्तव्य है। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी चिंता प्रकट की है।
सुधांशु त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि जब से टीएमसी की सरकार आई है, वहां हिंसा, मर्यादाओं का उल्लंघन और कानून व्यवस्था का पतन आम बात हो गई है। इसके साथ ही, ममता बनर्जी की असंवेदनशीलता भी अत्यधिक बढ़ गई है। आप सभी जानते हैं कि इस समय उत्तरी बंगाल बाढ़ की त्रासदी का सामना कर रहा है, जबकि ममता बनर्जी का एक वीडियो है जिसमें वह कोलकाता में एक उत्सव पर नृत्य कर रही हैं। ये दोनों दृश्य हृदय को चीरने वाले हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जनसेवा में लगे नेताओं पर होने वाले जानलेवा और हिंसक हमले बेहद चिंताजनक हैं। आज हम पश्चिम बंगाल सरकार से पूछना चाहते हैं कि यदि आपके राज में सांसद और विधायक भी सुरक्षित नहीं हैं, और उन पर क्रूर हमले हो सकते हैं, तो यह चुप्पी लोकतंत्र के लिए एक बड़ी क्षति है।
वहीं, ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट परिसर में भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई पर हुए हमले की निंदा करती हैं। यह न केवल निंदनीय है, बल्कि भारत के संविधान पर भी हमला है।
उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से न्यायमूर्ति गवई का सम्मान करती हैं और बाढ़ प्रभावित उत्तर बंगाल से उन्हें शुभकामनाएं भेजती हैं।