क्या कांग्रेस आदिवासी विरोधी पार्टी है?: मंत्री रामविचार नेताम

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस पर आदिवासी नेताओं के प्रति भेदभाव का आरोप।
- आदिवासी समुदाय अब अपने अधिकारों के प्रति जागरूक है।
- कांग्रेस को अपने चरित्र में बदलाव करने की आवश्यकता है।
- आदिवासी नेताओं का कांग्रेस से मोहभंग।
- आने वाले समय में कांग्रेस को इसकी कीमत चुकानी होगी।
रायपुर, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रामविचार नेताम ने मंगलवार को कांग्रेस पर आदिवासी नेताओं को उपेक्षित रखने का आरोप लगाया।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आदिवासी समुदाय से आने वाले कांग्रेस नेता अमरजीत भगत का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान में कांग्रेस ने उनके साथ जिस प्रकार का व्यवहार किया है, उससे यह स्पष्ट है कि इस पार्टी का आदिवासी समुदाय के प्रति क्या दृष्टिकोण है।
उन्होंने कहा, "मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि इस पार्टी ने आज तक आदिवासी समुदाय के लिए कुछ नहीं किया। वे हमें सिर्फ अपने वोट बैंक के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे अब स्वीकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि आज का आदिवासी समुदाय अपने अधिकारों के प्रति जागरूक है।"
मंत्री ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब इस पार्टी ने किसी आदिवासी नेता का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आदिवासी समुदाय से आने वाले नेता हाशिये पर हैं। यही कारण है कि आज आदिवासी नेता कांग्रेस से निराश हो रहे हैं। अगर कांग्रेस ने अपने चरित्र को नहीं बदला, तो मुझे यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि आने वाले दिनों में देश की जनता इसे खारिज कर देगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अमरजीत के साथ किया गया व्यवहार निंदनीय है, और आने वाले समय में पार्टी को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी एक आदिवासी नेता को दी गई है, जिसे कांग्रेस ने सहर्ष नहीं स्वीकार किया। मुझे यह कहने में कोई परहेज नहीं है कि कांग्रेस एक आदिवासी विरोधी पार्टी है, जिसका आदिवासी समुदाय के हितों से कोई लेना-देना नहीं है।