क्या कांग्रेस काल में लोकतंत्र को खतरा था? केसी त्यागी ने राहुल गांधी पर किया पलटवार

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस काल में लोकतंत्र को खतरा बताया गया है।
- केसी त्यागी ने राहुल गांधी पर कड़ा प्रहार किया।
- एनडीए में गठबंधन की स्थिरता की पुष्टि की गई।
- चिराग पासवान की भूमिका पर चर्चा हुई।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के कोलंबिया में लोकतंत्र पर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र का सबसे बड़ा संकट राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी के शासन काल में था।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में जदयू के वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा कि 25 जून 1975 को ढाई लाख से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं को, जो राजनीति में सक्रिय थे, जेल में डाल दिया गया था। उस समय प्रेस पर सेंसरशिप लागू थी और नागरिक स्वतंत्रता का भी हनन किया गया। राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि कांग्रेस काल में लोकतंत्र को बड़ा खतरा था।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार अमेरिका द्वारा लगाए गए आर्थिक संकट का सामना करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, जिसमें चीन एक महत्वपूर्ण भागीदार बन सकता है।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे के हालिया बयानों पर जदयू नेता ने कहा कि यह उनके पिता बालासाहेब ठाकरे की भाषा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि उद्धव गलत संगति में हैं, जिसकी वजह से वे इस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर दिए गए बयानों पर त्यागी ने कहा कि कांग्रेस का 140 साल और आरएसएस का 100 साल का इतिहास है। कांग्रेस नेताओं को आत्म-चिंतन करना चाहिए कि उनकी संख्या इतनी कम क्यों हो गई।
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए के रुख पर त्यागी ने कहा कि गठबंधन में कोई असमंजस नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा और वे मुख्यमंत्री बने रहेंगे। सीट बंटवारे को लेकर भी भाजपा और जदयू के बीच कोई विवाद नहीं है।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वे एनडीए के महत्वपूर्ण नेता हैं और चुनाव प्रचार में एक प्रमुख भूमिका निभाएंगे। सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है।