क्या कांग्रेस के मन में वंचितों के प्रति द्वेष और घृणा है? भाजपा महासचिव तरुण चुघ का आरोप
सारांश
Key Takeaways
- तरुण चुघ ने कांग्रेस पर वंचितों के प्रति द्वेष का आरोप लगाया।
- राहुल गांधी पर संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करने का आरोप।
- बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान करने के लिए कांग्रेस की चार पीढ़ियों का जिक्र।
- प्रधानमंत्री मोदी का अंबेडकर के प्रति सम्मान का उल्लेख।
- पंडित नेहरू की ऐतिहासिक नीतियों पर आलोचना।
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कांग्रेस पर दशकों तक डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मन में वंचितों के प्रति द्वेष और घृणा भरी हुई है। इसी बीच, तरुण चुघ ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला किया।
तरुण चुघ ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी की चार पीढ़ियों ने पांच दशकों तक भीमराव अंबेडकर का अपमान किया। उन्होंने उनके विजन और भारतीय संविधान का अपमान किया। पंडित नेहरू ने उन्हें इतना परेशान किया कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अंबेडकर को हराने के लिए कई प्रयास किए। उन्होंने कहा, "जब भीमराव अंबेडकर ने दिल्ली में अपने अंतिम दिन बिताए, तब भी उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा। निधन के बाद कांग्रेस ने बाबासाहेब अंबेडकर के लिए दिल्ली में पांच गज जमीन भी नहीं दी। उनके पार्थिव शरीर को जबरन मुंबई भेज दिया गया।"
भाजपा महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा बाबासाहेब अंबेडकर का सम्मान किया। उनके जीवन पर पांच तीर्थों का निर्माण किया गया। हमारी विचारधारा ने उन्हें भारतरत्न दिलवाया।
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए तरुण चुघ ने कहा, "जब-जब देश के अंदर तिरंगा फहराने, सम्मान या संवैधानिक कार्यक्रमों की बात आती है, चाहे वह स्वतंत्रता दिवस हो या उपराष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह हो, आप हमेशा विरोध करके चले जाते हैं।"
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का पद एक गंभीर जिम्मेदारी है, यह पर्यटक पास नहीं है। राहुल गांधी बार-बार संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे हैं।
तरुण चुघ ने यह भी कहा कि राहुल गांधी विदेश में बैठे अपने आकाओं के इशारों पर भारत-विरोधी टूलकिट का हिस्सा बनकर काम कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है और देश इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
तरुण चुघ ने पंडित नेहरू की ऐतिहासिक नीतिगत गलतियों पर कहा कि उनकी गलतियों को भुलाया नहीं जा सकता है। इसमें आर्टिकल 370 और 35ए, अपने द्वीप दूसरे देशों को देना और स्थायी सदस्यता छोड़ने की बात है। इन घटनाओं को भुलाया नहीं जा सकता है।