क्या सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना सही कदम है? : संजय झा

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क्या सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना सही कदम है? : संजय झा

सारांश

पटना से जदयू नेता संजय झा ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की खुशी जताई। उन्होंने उनके सामाजिक और राजनीतिक अनुभव को महत्व देते हुए उनके राष्ट्रपति बनने की संभावना भी व्यक्त की। जानिए इस निर्णय के पीछे की कहानी और बिहार की राजनीति पर इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • सीपी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी को जदयू द्वारा समर्थन मिला है।
  • बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर कोई रोष नहीं है।
  • राजनीतिक विरोध के पीछे की वजहें स्पष्ट नहीं हैं।
  • संजय झा ने कर्पूरी ठाकुर को जननायक माना है।
  • बिहार के लोग ईवीएम के आने से मतदान में सुधार की बात कर रहे हैं।

पटना, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता संजय झा ने सीपी राधाकृष्णन को एनडीए द्वारा उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि राधाकृष्णन दक्षिण भारत से संबंधित हैं। हमारी पार्टी उनका स्वागत करती है। वे पिछड़े वर्ग से भी ताल्लुक रखते हैं और हमारे नेता नीतीश कुमार हमेशा से समावेशी विकास की बात करते आए हैं।

संजय झा ने आगे कहा कि निश्चित रूप से सीपी राधाकृष्णन इस देश के अगले राष्ट्रपति बनेंगे। हमारी तरफ से उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं हैं। प्रधानमंत्री द्वारा उनके नाम की घोषणा के पीछे की सामाजिक व्यवस्था को देखते हुए, मैं इसका स्वागत करता हूं। मैं मानता हूं कि उनका उपराष्ट्रपति बनना देश के लिए गर्व का विषय होगा।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर भी अपनी राय व्यक्त की और कहा कि बिहार में इस पर कोई रोष नहीं है। वहां के लोग इस पर आपत्ति नहीं जता रहे हैं। लेकिन, मुझे यह देखकर आश्चर्य होता है कि दिल्ली में कई राजनेताओं को इस पर आपत्ति है। यह निश्चित रूप से राजनीति से प्रेरित कदम है।

उन्होंने कहा कि अगर मतदाता सूची पुनरीक्षण के अंतर्गत फर्जी मतदाताओं को पहचानकर उन्हें मताधिकार से वंचित किया जा रहा है, तो इसमें क्या गलत है? क्या हम फर्जी मतदाताओं को भी मतदान का अधिकार देंगे? बिल्कुल नहीं। बिहार में लोग बोर्ड लगाकर कह रहे हैं कि जननायक आ रहे हैं। मैं कहना चाहूंगा कि जननायक केवल एक ही हैं और उनका नाम कर्पूरी ठाकुर है। जब भी आप जननायक कहेंगे, तो इसे निश्चित तौर पर कर्पूरी ठाकुर से जोड़ा जाएगा और यह बात खारिज नहीं की जा सकती कि कांग्रेस ने उन्हें प्रताड़ित किया।

संजय झा ने आगे कहा कि ये लोग वोट चोरी का जिक्र कर रहे हैं, लेकिन यह बात भूल रहे हैं कि बिहार में राजद और कांग्रेस के शासनकाल में वोट चोरी होती थी। बिहार की जनता अभी भी उस दौर को नहीं भूली है। ईवीएम आने के बाद ही सुधार हुआ है, जब गरीबों को मतदान का अधिकार मिला। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि इन लोगों का बिहार से कोई लेना-देना नहीं है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि उनकी पृष्ठभूमि और अनुभव को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। यह राजनीति में सामंजस्य और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

सीपी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी का महत्व क्या है?
सीपी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी को समावेशी विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है, जो पिछड़े वर्ग से हैं।
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर क्या प्रतिक्रिया है?
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर कोई रोष नहीं है, जबकि दिल्ली में कुछ राजनेताओं द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है।
संजय झा का बयान किस पर केंद्रित है?
संजय झा का बयान सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने और बिहार की राजनीति पर है।