क्या देश में लोकतंत्र बचाने की आवश्यकता है? गोपाल राय ने जेपी के आदर्शों से सीखने का समय बताया

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क्या देश में लोकतंत्र बचाने की आवश्यकता है? गोपाल राय ने जेपी के आदर्शों से सीखने का समय बताया

सारांश

गोपाल राय ने जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि के अवसर पर लोकतंत्र की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने तानाशाही के खतरे और लोकतांत्रिक संस्थानों पर दबाव की चिंता जताई। राय का मानना है कि हमें जेपी के आदर्शों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है।

Key Takeaways

  • लोकतंत्र की रक्षा की आवश्यकता है।
  • तानाशाही का खतरा बढ़ रहा है।
  • जयप्रकाश नारायण के आदर्शों से सीखने की जरूरत है।
  • दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सहयोग आवश्यक है।
  • बिहार चुनाव में शिक्षा, रोजगार, और विकास के मुद्दे अहम हैं।

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र को बचाने की अति आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि 50 साल पहले तत्कालीन तानाशाही के खिलाफ जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का नेतृत्व किया था। उस समय देश के छात्र, युवा और आम जनता ने मिलकर लोकतंत्र की स्थापना की थी। अब आधि सदी बाद, एक बार फिर नया तानाशाही का दौर शुरू हो रहा है, जहां लोकतांत्रिक संस्थानों पर सरकार का दबाव और प्रभाव बढ़ रहा है। इस मुद्दे पर गोपाल राय ने गहरी चिंता जताई है।

गोपाल राय ने कहा कि आज देश के हर लोकतांत्रिक संस्थान को दबाव में लेकर, डराकर चुप कराने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने की घटना को लोकतंत्र के लिए एक बड़ा संकट बताया और इसे तानाशाही के चरमोत्कर्ष के रूप में देखा। उन्होंने कहा, "इसका मतलब साफ है कि आज देश में सत्ता का असली मतलब दबाव, डर और डराने-धमकाने से चलाना है।"

उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी पार्टियों को ईडी और सीबीआई जैसे संगठनों के जरिए परेशान किया जा रहा है, चुनाव आयोग पर भी दबाव बनाकर एक भय और आतंक का माहौल पैदा करने की कोशिश हो रही है। ऐसे समय में जब आज जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि है, हमें उनके आदर्शों और संकल्पों से सीख लेकर देश को इस संकट से बाहर निकालने का रास्ता खोजने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, "हालांकि आज जयप्रकाश नारायण नहीं हैं, लेकिन उनकी विचारधारा आज भी हमारे बीच जीवित है और हमें इसी से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना है।"

दिल्ली प्रदूषण के संदर्भ में गोपाल राय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका सर्वोपरि है और दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जो भी निर्णय लिए जाते हैं, समाज और सरकार को मिलकर उसका समर्थन करना चाहिए। उन्होंने सरकार और जनता से अपील की कि वे मिलकर प्रदूषण के खिलाफ काम करें ताकि दिल्ली की हवा साफ हो सके।

गोपाल राय ने बिहार चुनाव पर टिप्पणी करते हुए कहा, "बिहार के असली मुद्दे शिक्षा, रोजगार, किसान और विकास के हैं। जो पार्टी इन बुनियादी सवालों पर काम करेगी, वही चुनाव जीतेगी।" उन्होंने कहा कि जनता बदलाव चाहती है और जो दल इस मांग को समझेगा, वही बिहार की राजनीति में मजबूत होगा।

-- राष्ट्र प्रेस

वीकेयू/डीएससी

Point of View

हमें हमेशा देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग रहना चाहिए। गोपाल राय की चिंताएँ सभी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि लोकतंत्र का मूल उद्देश्य सभी की आवाज को सुनना और सम्मान करना है।
NationPress
08/10/2025

Frequently Asked Questions

गोपाल राय ने लोकतंत्र के बारे में क्या कहा?
गोपाल राय ने कहा कि देश में लोकतंत्र को बचाने की आवश्यकता है और तानाशाही के खतरों पर चिंता व्यक्त की।
जयप्रकाश नारायण का योगदान क्या है?
जयप्रकाश नारायण ने 50 साल पहले तानाशाही के खिलाफ संपूर्ण क्रांति का नेतृत्व किया था।
दिल्ली की हवा के प्रदूषण पर गोपाल राय का क्या कहना है?
गोपाल राय ने दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए समाज और सरकार के सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।