क्या देश संविधान से चलता है, धार्मिक ग्रंथों से नहीं? : तारिक अनवर

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क्या देश संविधान से चलता है, धार्मिक ग्रंथों से नहीं? : तारिक अनवर

सारांश

जगद्गुरु रामभद्राचार्य के बयान ने राजनीतिक बवाल मचा दिया। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कहा कि देश का संचालन संविधान से होना चाहिए, न कि धार्मिक ग्रंथों से। तारिक अनवर ने इसे गंभीरता से लिया और इसे स्पष्ट किया। जानें इस विवाद के बारे में और क्या कह रहे हैं अन्य नेता।

Key Takeaways

  • देश का संचालन संविधान द्वारा होना चाहिए।
  • धार्मिक ग्रंथों का राजनीतिक संदर्भ में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
  • राजनीतिक बयान समाज में भ्रम पैदा कर सकते हैं।
  • सोनिया गांधी का भारतीयता का विश्वास स्पष्ट है।
  • एसआईआर के खिलाफ चिंताएं जताई गई हैं।

नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जगद्गुरु रामभद्राचार्य के हालिया बयान ने राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि देश का संचालन संविधान के अनुसार होता है, न कि धार्मिक ग्रंथों के आधार पर।

कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा, "हमारा देश संविधान के अनुसार चलता है। यह वेद, कुरान या बाइबल के आधार पर नहीं चलता। इसे समझना जरूरी है।"

उन्होंने आगे कहा कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को लेकर किया गया बयान उनकी व्यक्तिगत सोच है और वास्तविकता से दूर है।

सोनिया गांधी पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तारिक अनवर ने कहा, "सोनिया गांधी वह महिला हैं जिन्होंने अपना देश छोड़कर भारत को अपनाया। शादी के बाद से वह लगातार भारत में रही हैं और हर मौके पर साबित किया है कि वह भारतीय सभ्यता और संस्कृति में पूरा विश्वास रखती हैं।"

उन्होंने कहा कि ऐसे बयान समाज में भ्रम फैलाते हैं और गैरजरूरी विवाद उत्पन्न करते हैं।

तारिक अनवर ने एसआईआर लागू होने पर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा, "एसआईआर लागू कर गलत कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों को, खासकर बीएलओ को परेशान किया जा रहा है। मौत की खबरें और लोगों में डर फैलना बेहद चिंताजनक है। एसआईआर को तुरंत रोका जाना चाहिए।"

वहीं कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी और कहा, "रामभद्राचार्य के बयान को ज्यादा गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। उनका काम अलग है और राजनीति अलग। यदि सोनिया गांधी भारतीय नागरिक न होतीं, तो क्या वह राज्यसभा या लोकसभा की सदस्य हो सकती थीं? यह एक स्पष्ट मामला है।"

लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा, "समाजवादी पार्टी सभी धर्मों, परंपराओं और आध्यात्मिक गुरुओं का सम्मान करती है। लेकिन धार्मिक गुरु अगर राजनीति पर टिप्पणी करें तो यह लगेगा कि वे किसी एक पक्ष का समर्थन कर रहे हैं, जो उचित नहीं है।"

Point of View

लेकिन देश का संचालन एक साझा संविधान के माध्यम से होना चाहिए। यह हमारे लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है।
NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या रामभद्राचार्य का बयान विवादास्पद है?
हाँ, कई नेताओं ने इसे विवादास्पद और विभाजनकारी बताया है।
तारिक अनवर ने क्या कहा?
तारिक अनवर ने कहा कि देश का संचालन संविधान से होता है, न कि धार्मिक ग्रंथों से।
सोनिया गांधी पर क्या टिप्पणी की गई?
तारिक अनवर ने कहा कि सोनिया गांधी हमेशा भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पित रहीं हैं।
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