क्या कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का उमर खालिद को निर्दोष बताना सही है?

Click to start listening
क्या कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का उमर खालिद को निर्दोष बताना सही है?

सारांश

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर एआईजेएम अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रतिक्रियाएं दी हैं। क्या यह न्याय का हिस्सा है? जानें इस विवाद से जुड़ी सभी ताजा जानकारी।

Key Takeaways

  • जमानत हर व्यक्ति का कानूनी अधिकार है।
  • उमर खालिद और शरजील इमाम की गिरफ्तारी विवादास्पद है।
  • दिल्ली दंगे 2020 में हुए थे, जिनमें कई लोग मारे गए।
  • कांग्रेस नेताओं के बयानों पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आई हैं।
  • मानवाधिकार संगठनों ने गिरफ्तारी को राजनीतिक बताया है।

बरेली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के द्वारा उमर खालिद को निर्दोष बताने वाले सोशल मीडिया पोस्ट पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (एआईजेएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह का बयान केवल उमर खालिद पर ही नहीं, बल्कि अन्य लोगों पर भी लागू होता है। वर्तमान में उमर खालिद और शरजील इमाम जैसे कई लोग जेल में हैं। 2020 में दिल्ली में हुए एक बड़े दंगे में इनका नाम शामिल था। जमानत हर व्यक्ति का कानूनी अधिकार है और न्याय का आधार कानून के शासन पर होना चाहिए।

दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने टिप्पणी की कि ओसामा बिन लादेन भी उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति था, लेकिन उसके कार्यों ने उसके चरित्र को प्रदर्शित किया। किसी के पास डिग्री होना यह तय नहीं करता कि वह आतंकवादी है या नहीं।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उमर खालिद निर्दोष है, उसके साथ अन्याय हो रहा है। वह एक पीएचडी स्कॉलर है और किसी भी मानदंड के अनुसार वह राष्ट्रद्रोही नहीं है। उसे तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।

दिल्ली दंगे फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए थे, जिसमें 53 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में है।

कई मानवाधिकार संगठनों ने उसकी गिरफ्तारी को राजनीतिक बताया है, जबकि पुलिस इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला मानती है।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम न्याय के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए विचार करें। जमानत एक कानूनी अधिकार है, लेकिन यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि किसी व्यक्ति को निर्दोष मानने के लिए सबूत आवश्यक हैं। हमें इस मुद्दे को राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि कानून और मानवाधिकारों की दृष्टि से देखना चाहिए।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या उमर खालिद को निर्दोष माना जा सकता है?
उमर खालिद की निर्दोषता का प्रश्न तब तक विचाराधीन है जब तक कि अदालत में प्रमाणित नहीं किया जाता।
क्यों दिग्विजय सिंह ने उमर खालिद का समर्थन किया?
दिग्विजय सिंह ने उमर खालिद को एक पीएचडी स्कॉलर के रूप में निर्दोष बताया है, उनका मानना है कि उसके साथ अन्याय हो रहा है।
दिल्ली दंगे कब हुए थे?
दिल्ली दंगे फरवरी 2020 में हुए थे, जिनमें 53 लोग मारे गए थे।
जमानत का कानूनी अधिकार क्या है?
जमानत हर व्यक्ति का कानूनी अधिकार है, जिसे न्यायालय की अनुमति से प्राप्त किया जा सकता है।
शरजील इमाम का नाम क्यों लिया गया?
शरजील इमाम भी दिल्ली दंगों में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
Nation Press