क्या डोनाल्ड ट्रंप का सीजफायर पर बयान भारत की विदेश नीति की विफलता है?: डिंपल यादव

सारांश
Key Takeaways
- डिंपल यादव ने सरकार की नाकामियों को उजागर किया।
- पहलगाम हमले को सुरक्षा चूक माना गया।
- डोनाल्ड ट्रंप का बयान भारत की विदेश नीति की विफलता दर्शाता है।
- सरकार को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए।
- पाकिस्तान को यूएन की काउंटर टेररिज्म काउंसिल का चेयरमैन बनाना चिंता का विषय है।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर लोकसभा में चल रही चर्चा के दौरान सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने पहलगाम हमले को सरकार की बड़ी चूक बताया। उनका कहना था कि यह घटना सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर चूक है, क्योंकि सरकार के निर्देश पर ही पर्यटक वहां जा रहे थे।
सपा सांसद डिंपल यादव ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में भारतीय सेना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "हमें अपनी सेना पर गर्व है। सेना के शौर्य, सामर्थ्य, साहस और पराक्रम को मेरा शत-शत नमन है। भारतीय सेना ने मातृभूमि की रक्षा की है और इसके लिए हम उनके प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेंगे। सेना हमारा अभिमान भी है और हमारा सम्मान भी।"
डिंपल यादव ने पहलगाम आतंकी हमले को दुखद और भारत की सुरक्षा पर बड़ा आघात बताया। साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। डिंपल ने लोकसभा में कहा, "हम उन भारतीय नागरिकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने सीमा पर अपनी जान गंवाई या घायल हुए। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला भारत की सुरक्षा पर एक बड़ा आघात था। एक तरफ सरकार दावा कर रही थी कि कश्मीर में सब कुछ सामान्य है। लेकिन कहीं न कहीं राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता हुआ और पहलगाम की घटना इसका परिणाम है। हम सरकार से सवाल करते हैं कि यह घटना क्यों घटी?"
उन्होंने आगे कहा, "भाजपा सरकार के आह्वान पर ही पर्यटक वहां गए थे, लेकिन हमले के बाद सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया। टूर ऑपरेटर्स पर दोष डालना गैर-जिम्मेदाराना है।"
डिंपल यादव ने लोकसभा में सीजफायर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर सीजफायर की घोषणा भारत के बजाय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की, जो भारत की विदेश नीति की विफलता को प्रदर्शित करता है। 'विश्व गुरु' का नैरेटिव नाकाम साबित हुआ है।
डिंपल ने सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा, "पाकिस्तान को यूएन की काउंटर टेररिज्म काउंसिल का चेयरमैन बनाना सरकार की नाकामी को दर्शाता है। पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों के बीच भारत की स्थिति पर गंभीर सवाल उठते हैं।"
डिंपल ने सीडीएस के बयान का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि लड़ाकू विमान क्यों गिरे। साथ ही, सरकार को यह भी बताना चाहिए कि उसे चीन के पाकिस्तान समर्थन की जानकारी क्यों नहीं थी।