क्या सरकार महात्मा गांधी के नाम को लोगों के दिलों से हटाने की कोशिश कर रही है?: कांग्रेस सांसद
सारांश
Key Takeaways
- महात्मा गांधी का नाम हटाना एक संवेदनशील मुद्दा है।
- कांग्रेस पार्टी ने मनरेगा योजना की शुरुआत की थी।
- सरकार को भ्रष्टाचार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- महात्मा गांधी का नाम भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।
- सरकार की मानसिकता पर सवाल उठाना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने मनरेगा योजना का नाम बदलने को लेकर भाजपा सरकार पर हमला किया है। उनका कहना है कि पहले भाजपा को कांग्रेस पार्टी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी से दिक्कत थी, लेकिन अब महात्मा गांधी के नाम से भी उन्हें समस्या हो रही है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा, "यह चिंताजनक है कि महात्मा गांधी का नाम हटाया गया है। यह भारतीय जनता पार्टी का इतिहास है कि उन्होंने कभी महात्मा गांधी को पसंद नहीं किया। भाजपा को यह समझना चाहिए कि महात्मा गांधी केवल एक व्यक्ति नहीं थे, वह एक 'आस्था' और 'विचार' थे। उनके विचारों का वैश्विक स्तर पर प्रसार हुआ और कई देशों में स्वराज आया। ऐसी महान शख्सियत के नाम को नहीं हटाना चाहिए था।"
रंजीता रंजन ने कहा कि महात्मा गांधी पूरे देश के लिए 'बापू' हैं। सरकार महात्मा गांधी के नाम को लोगों के दिलों से मिटाने की कोशिश कर रही है। यह शर्मनाक है और सरकार की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "पहले भाजपा को कांग्रेस पार्टी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी से दिक्कत थी, लेकिन आज महात्मा गांधी के नाम से भी उन्हें समस्या हो रही है।"
कांग्रेस सांसद ने बताया कि मनरेगा योजना कांग्रेस पार्टी द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना के माध्यम से लोगों के लिए 100 दिन का कार्य उपलब्ध कराया गया था। बिहार में पलायन में भी कमी आई थी। अगर सरकार को इसमें बदलाव करना था, तो भ्रष्टाचार पर ध्यान देना चाहिए था। सरकार को 100 दिन की जगह 150 दिन का कार्य देना चाहिए था। पूरा देश देख रहा है कि सरकार को मनरेगा में भ्रष्टाचार की चिंता नहीं है। काम के लिए दिन बढ़ाने की कोई चिंता नहीं है। सरकार की प्राथमिकता केवल यह रही कि महात्मा गांधी का नाम हटाया जाए।
इससे पहले, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार से सवाल पूछा कि वे महात्मा गांधी का नाम क्यों हटा रहे हैं? उन्होंने कहा, "महात्मा गांधी इस देश, इतिहास और दुनिया के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा इसके पीछे इनकी (सरकार की) मंशा क्या है?"