क्या ईडी को सबूत नहीं मिलता तो परिवार के सदस्यों को निशाना बनाते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं।
- भाजपा पर हताशा का आरोप।
- कांग्रेस नेता परिवार के सदस्यों को निशाना बनाए जाने की बात कर रहे हैं।
- बिहार के वादों को लेकर मोदी पर निशाना।
- जनता आगामी चुनाव में जवाब देने का मन बना चुकी है।
नई दिल्ली, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी पर कड़ा विरोध जताया है।
शक्ति सिंह गोहिल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जब ईडी को कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिलता, तो वे उनके परिवार के सदस्यों को निशाना बनाकर भावनात्मक ब्लैकमेलिंग का सहारा लेते हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि यदि वास्तव में कोई सबूत होता, तो इतनी देर क्यों होती? यह कार्रवाई भाजपा की हताशा और विपक्ष को डराने की एक रणनीति का हिस्सा है।
उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ईडी की चार्जशीट की आलोचना करते हुए कहा कि एक वकील के रूप में उन्हें पता है कि चार्जशीट दाखिल करने का एक निर्धारित समय होता है। इस प्रकार की कार्रवाई लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, "11 वर्ष बीत चुके हैं, फिर भी ईडी चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई। यह भाजपा सरकार का डर है, जो राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस की अडिग लड़ाई से उपजा है। कांग्रेस और हमारे पार्टी के नेता न तो डरे हैं और न ही डरेंगे। केंद्र सरकार विपक्ष के नेताओं को दबाने का प्रयास कर रही है, लेकिन वे सफल नहीं होंगे।"
इसके अलावा, शक्ति सिंह गोहिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता पीएम मोदी के खोखले वादों को अच्छी तरह समझ चुकी है।
उन्होंने कहा कि मैं बिहार का प्रभारी रहा हूं। पीएम मोदी ने बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन एक भी पैसा नहीं आया। वे कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। बिहार की जनता इस बार भाजपा के झूठे वादों में नहीं आएगी। जनता इन हथकंडों को समझ रही है और इसका जवाब आगामी विधानसभा चुनाव में देगी।