क्या एकजुट विपक्ष को भी तीन अंकों में सीटें मिल पाएंगी? : दिनेश शर्मा
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की जीत का दावा
- विपक्ष की एकजुटता का असर सीमित
- बिहार में विकास की गति
- मोदी लहर का प्रभाव
- भाजपा की राजनीतिक रणनीति
लखनऊ, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता दिनेश शर्मा ने बिहार चुनाव में एनडीए की एकतरफा जीत का दावा किया है। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा तथ्य है कि यूपीए सरकार के दौरान बिहार का विकास पूरी तरह से ठप हो गया था।
भाजपा सांसद ने कहा कि यूपीए के काल में आवंटित कुल राशि लगभग 2 लाख करोड़ रुपए थी, जिसमें वेतन और कई अन्य चीजें शामिल थीं। अगर आप सब कुछ एक साथ गिनें तो आप देखेंगे कि उस अवधि के दौरान बिहार के वास्तविक विकास के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया गया।
भाजपा सांसद ने कहा कि मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अगर सभी विपक्षी दल एकजुट भी हो जाएं तो भी उनकी सीटें तीन अंकों से ऊपर नहीं जाएंगी। दो-तिहाई से ज्यादा बहुमत से सरकार बनेगी। जो लोग बिहार बदलने का दावा करते हैं, उन्हें देखना चाहिए कि अब तक कितनी प्रगति हो चुकी है। आज हमारी बहनें और बेटियां सड़कों पर आजादी से घूम सकती हैं और अपराध दर में लगातार कमी आ रही है।
उन्होंने कहा कि मेट्रो से लेकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों तक और एक्सप्रेसवे से लेकर चौड़ी चार लेन वाली सड़कों तक, बिहार तेजी से बदल रहा है।
भाजपा नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री विकास के प्रतीक हैं और बिहार में 'मोदी लहर' है, इसीलिए सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को राज्य में बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है।
पश्चिम बंगाल को लेकर भाजपा सांसद ने कहा कि बंगाल में जंगल राज है और जैसे दीये की लौ बुझने से पहले भड़कती है, वैसे ही तृणमूल सरकार का शासन भी अपने अंत के करीब है। जैसे-जैसे उनका शासन खत्म हो रहा है, उनके अत्याचार बढ़ रहे हैं, लेकिन निश्चित रूप से जनता उन्हें करारा जवाब देगी।
दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद पर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की टिप्पणी पर भाजपा नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह हमारे राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन ओसामा बिन लादेन को 'ओसामा जी' कहना, अफजल गुरु को 'गुरु' कहना और नुसरत जहां को 'बेटी' कहना, यह भारत का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि इस तरह की मानसिकता वाले लोग कांग्रेस में दिखाई देते हैं। एक कांग्रेसी सांसद भारत की बजाय बांग्लादेश का राष्ट्रगान गा रहे थे और अब उनके नेताओं के ऐसे बयानों से कांग्रेस की देशभक्ति पर सवाल उठ रहे हैं।