क्या आप घंटों सोने के बाद भी नींद पूरी नहीं होती? यह हो सकता है इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया का परिणाम
सारांश
Key Takeaways
- इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया एक गंभीर नींद विकार है।
- इससे पीड़ित लोग दिन में भी नींद का अनुभव करते हैं।
- लक्षणों को पहचानने में देरी हो सकती है।
- स्वच्छता और जीवनशैली में सुधार महत्वपूर्ण है।
- सही निदान के लिए विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है।
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। क्या आपने कभी सोचा है कि पूरी रात नींद लेने के बाद भी आप थका हुआ और कन्फ्यूज महसूस करते हैं? यह केवल थकान नहीं हो सकती; यह किसी असामान्य नींद संबंधी विकार का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञ इसे इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया (आईएच) कहते हैं, जो एक ऐसी स्थिति है जिसमें लोग भरपूर नींद लेने के बाद भी लगातार नींद महसूस करते हैं।
इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया एक न्यूरोलॉजिकल नींद विकार है, जिससे व्यक्ति दिन में अत्यधिक नींद का अनुभव करता है। इस विकार से ग्रस्त लोग लंबे समय तक सोते हैं, लेकिन जागने पर उन्हें सुस्ती और कन्फ्यूजन का अनुभव होता है।
इस विकार से पीड़ित व्यक्तियों को अक्सर लगातार थकान महसूस होती है। अच्छी नींद लेने के बावजूद, उन्हें दिन में जागृत रहना मुश्किल होता है और जागने पर कन्फ्यूजन का सामना करना पड़ सकता है।
क्योंकि इसके लक्षण अन्य नींद संबंधी विकारों या मानसिक स्वास्थ्य की स्थितियों से मिलते-जुलते हो सकते हैं, इसलिए कई रोगियों को सही डायग्नोसिस में देरी होती है। पिछले अध्ययनों में बताया गया है कि इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया, एपिलेप्सी या बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी बीमारियों से अधिक सामान्य हो सकता है।
इस विकार का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। साइंस डायरेक्ट डॉट कॉम में प्रकाशित एक अनुसंधान रिपोर्ट (2024) के अनुसार, यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जो मस्तिष्क के नींद और जागने के चक्र को नियंत्रित करने में रुकावट डालती है। जो लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं, वे दिन में भी अधिक सोते हैं।
इस बीमारी का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन अनुसंधान रिपोर्टों में सही सोने का स्थान, स्वच्छ बिस्तर और अच्छी जीवनशैली को महत्वपूर्ण माना गया है। उनका कहना है कि इलाज का मुख्य ध्यान लक्षणों को प्रबंधित करने और मरीजों को दैनिक कार्यों को करने में सहायता प्रदान करने पर होता है।