क्या वोटर लिस्ट में घुसपैठियों के नाम शामिल नहीं होने चाहिए? केशव प्रसाद मौर्य

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क्या वोटर लिस्ट में घुसपैठियों के नाम शामिल नहीं होने चाहिए? केशव प्रसाद मौर्य

सारांश

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मिर्जापुर में विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि घुसपैठियों के नाम किसी भी स्थिति में मतदाता सूची में शामिल नहीं होने चाहिए। यह कदम राज्य के विकास और कानून व्यवस्था को बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • मतदाता सूची में घुसपैठियों के नाम नहीं होने चाहिए।
  • सभी पात्र नागरिकों को सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
  • महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।
  • हर घर तक जल पहुंचाने की योजना को तेज किया जाएगा।
  • आवास योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।

मिर्जापुर, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को मिर्जापुर जनपद में विकास कार्यों, कानून-व्यवस्था और विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रगति की गहन समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने स्पष्ट किया कि घुसपैठियों के नाम किसी भी स्थिति में मतदाता सूची में शामिल नहीं होने चाहिए।

मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की समीक्षा में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रहे और मृतक, शिफ्टेड या अपात्र लोगों के नाम को तुरंत हटाया जाना चाहिए। उन्होंने यह निर्देश भी दिया कि घुसपैठियों के नाम किसी भी परिस्थिति में मतदाता सूची में शामिल न हों।

डिप्टी सीएम ने बीएलओ और संबंधित कर्मियों से आग्रह किया कि वे जनसमस्याओं के समाधान में सम्मानजनक व्यवहार अपनाएं और मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की बातों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और उचित मामलों का समाधान समय सीमा के भीतर किया जाना चाहिए। इस दौरान जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने बताया कि एसआईआर का 98.2 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और बाकी कार्य भी समयबद्ध तरीके से जारी है।

मौर्य ने हर घर नल से जल योजना की गति को तेज करने, अवैध कब्जों पर कठोर कार्रवाई और महिलाओं से संबंधित अपराधों पर 'जीरो टॉलरेंस' नीति अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को 'कड़ी से कड़ी सजा' दिलाई जाए ताकि अपराधियों में भय पैदा हो। उप मुख्यमंत्री ने मनरेगा श्रमिकों के भुगतान को समय पर सुनिश्चित करने और ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपालों में अधिकारियों की नियमित उपस्थिति पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास योजना की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि कोई भी गरीब व्यक्ति कच्चे मकान या झोपड़ी में न रहे, पारदर्शिता से पात्रता तय कर आवास उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगजन और अन्य प्राथमिकता वाले व्यक्तियों को जल्द आवास उपलब्ध कराने की आवश्यकता जताई।

एनआरएलएम समूह की महिलाओं को पोषाहार प्लांट एवं अन्य लघु इकाइयों की स्थापना के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने बताया कि सोलर पैनल लगाने पर 90 प्रतिशत तक की छूट उपलब्ध है। अमृत सरोवरों की प्रगति की जानकारी लेते हुए मौर्य ने कहा कि डबल इंजन सरकार में देश और प्रदेश का चहुँमुखी विकास तेजी से आगे बढ़ रहा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची की पारदर्शिता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। घुसपैठियों के नामों को हटाना और पात्र नागरिकों को सुविधा प्रदान करना राज्य की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
06/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में शामिल होने से कानून व्यवस्था पर असर पड़ता है?
हां, यदि घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में शामिल होते हैं, तो यह कानून व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।
मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) क्या है?
मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) एक प्रक्रिया है जिससे मतदाता सूची को अपडेट और सही किया जाता है।
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