क्या हमने किसी का विरोध नहीं किया? मराठी सीखने में क्या समस्या है: संजय शिरसाट

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क्या हमने किसी का विरोध नहीं किया? मराठी सीखने में क्या समस्या है: संजय शिरसाट

सारांश

महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट ने मराठी भाषा के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिए। इस विवाद में उन्होंने कुछ नेताओं की बयानबाजी की निंदा की है। क्या यह सच है कि मराठी सीखना अनिवार्य है?

Key Takeaways

  • संजय शिरसाट का मराठी भाषा पर जोर
  • हर भाषा का सम्मान आवश्यक है
  • विवाद से संवाद की ओर बढ़ना चाहिए
  • भाषाई भेदभाव से बचना चाहिए
  • सभी को अपनी पहचान बनाए रखने का अधिकार है

मुंबई, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री संजय शिरसाट ने मराठी भाषा के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने हमेशा कहा है कि चाहे लोग बिहार, बंगाल या पंजाब से आएं, यहां सभी के लिए स्थान है।

उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति यहां आकर अपनी आजीविका कमा सकता है, इसमें कोई समस्या नहीं है और हमने कभी किसी का विरोध नहीं किया। बात सीधी है, जब आप यहां रहते हैं, तो जैसे आपको कर्नाटक में कन्नड़ या पश्चिम बंगाल में स्थानीय भाषा सीखने की आवश्यकता होती है, तो यहां मराठी सीखने में क्या समस्या है?

भाषा विवाद पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के विवादास्पद बयान पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा अनिवार्य है। सभी को इस पर गर्व और आत्मसम्मान होना चाहिए। हमने कभी नहीं कहा कि हिंदी एक अच्छी भाषा नहीं है। हमने कहा कि इसे अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए। इस मुद्दे को बेवजह तूल देना उचित नहीं है। समाज में भाषा के आधार पर विभाजन उत्पन्न करना सही नहीं है।

भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और भाजपा के सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ 'निरहुआ' ने मराठी भाषा को लेकर मनसे और शिवसेना को खुली चुनौती दी है। मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि ऐसे लोग बयानबाजी करके खुद को चर्चा में लाने का प्रयास करते हैं। उन्हें लगता है कि इस तरह के बयान देकर वे अपनी पहचान बना सकते हैं। लेकिन, वे नहीं जानते कि इससे उनकी छवि को नुकसान होगा। कुछ लोग ऐसे हैं, जो बयान देने के बाद माफी मांग लेते हैं, ऐसी ही स्थिति उनकी भी आ सकती है।

वहीं, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने हिंदी और मराठी भाषा के बारे में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हिंदी का प्रभाव कमजोर है। जो लोग मुंबई में पैदा हुए हैं, चाहे वे किसी अन्य राज्य के हों, उन्हें मराठी आनी चाहिए। वे मराठी बोलते हैं, लेकिन यह कहना कि सबको मराठी बोलनी चाहिए, यह ठीक नहीं है। हम इसकी निंदा करते हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि हर भाषा का अपना महत्व है। हमें एक दूसरे की भाषाओं का सम्मान करना चाहिए। विवादों की बजाय संवाद को प्राथमिकता दें। यह देश की एकता और अखंडता के लिए आवश्यक है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या संजय शिरसाट ने किसी का विरोध किया?
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने कभी किसी का विरोध नहीं किया और सभी के लिए जगह है।
क्या मराठी सीखना अनिवार्य है?
उन्होंने कहा कि जैसे अन्य राज्यों में स्थानीय भाषाएँ सीखनी पड़ती हैं, वैसे ही यहां भी मराठी सीखने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।