क्या साढ़े आठ साल में योगी सरकार ने साढ़े आठ लाख सरकारी नौकरियां दीं?
सारांश
Key Takeaways
- सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला किया।
- योगी सरकार ने साढ़े आठ लाख सरकारी नौकरियां दीं।
- सरकार में घूस का कोई मामला नहीं।
- किसानों और गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
- 34 देशों के साथ रुपए में व्यापार हो रहा है।
लखनऊ, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के शासन में क्या स्थिति थी, “खाली प्लॉट हमारा है, समाजवादी का नारा है।”
सुरेश खन्ना ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके समय में जिस गाड़ी पर सपा का झंडा होता था, उसमें सबसे बड़ा गुंडा बैठा होता था। अपराधी ही सरकार को चला रहे थे। सरकार अपराधियों के इशारे पर चलती थी।
उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में मेरिट के आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं। साढ़े आठ साल की योगी आदित्यनाथ की सरकार में साढ़े आठ लाख सरकारी नौकरियां दी गईं और एक पैसे की घूस नहीं ली गई। सभी को उनकी काबिलियत और योग्यता के आधार पर नौकरी मिली है।
उन्होंने कहा कि किसानों को सम्मान निधि दी जा रही है, गरीबों को राशन मिल रहा है, और महिलाओं को उज्ज्वला गैस योजना के तहत रसोई गैस प्रदान की जा रही है। हमने सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांत को व्यवहार में लाया है। भाजपा पूरी तरह से एक कार्यकर्ता-आधारित पार्टी है और पार्टी का एक सामान्य कार्यकर्ता भी अध्यक्ष बन सकता है। जबकि सपा, कांग्रेस या अन्य दलों में केवल परिवार के सदस्य ही पार्टी के मुखिया बनते हैं और वही लोग पार्टी पर नियंत्रण रखते हैं।
उन्होंने कहा कि 34 देशों के साथ हम रुपए में व्यापार कर रहे हैं। पहले रुपए को डॉलर में बदलकर भुगतान किया जाता था, लेकिन आज हमारी करेंसी की साख बढ़ गई है। हमारी अर्थव्यवस्था के परिणामस्वरूप, दुनिया के 34 देश हमारे रुपए को स्वीकार कर रहे हैं। हम रुपए में ही भुगतान करते हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
उन्होंने यह भी कहा कि जो साख और प्रतिष्ठा पीएम मोदी के नेतृत्व में बनी है, वह पहले कभी नहीं थी। विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें संविधान पर बोलने का अधिकार नहीं है, क्योंकि जिन पार्टियों ने मिलकर गठबंधन बनाया है, उन्हीं ने संविधान की सबसे अधिक धज्जियां उड़ाई हैं।