क्या हत्या, अपहरण और लूट राजद शासन की असली पहचान है? : नित्यानंद राय

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क्या हत्या, अपहरण और लूट राजद शासन की असली पहचान है? : नित्यानंद राय

सारांश

क्या बिहार में राजद शासन के दौरान अपहरण, हत्या, और लूट की घटनाएं बढ़ीं? जानिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का क्या कहना है।

Key Takeaways

  • राजद शासनकाल में अपहरण का उद्योग बना।
  • भ्रष्टाचार की गंगोत्री लालू-राबड़ी के घर से निकलती थी।
  • कई जातीय नरसंहार हुए, जिसमें सैकड़ों की हत्या हुई।
  • महिलाओं के लिए वह दौर अत्यंत असुरक्षित था।
  • राजद का मतलब अपराध और गुंडाराज है।

पटना, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा नेता नित्यानंद राय ने रविवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के शासनकाल 1990-2005 को बिहार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि उस 15 वर्ष के बिहार की दुर्दशा के लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वह राष्ट्रीय जनता दल और लालू परिवार है। राजद का मतलब अपराध, नरसंहार, अपहरण, गुंडाराज और जंगलराज है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 1990 से 2005 के बीच में 32,000 से ज्यादा अपहरण की घटनाएं बिहार में सामने आईं। बिहार में अपहरण एक उद्योग बन चुका था और उस उद्योग के संचालक और संरक्षक कोई और नहीं, लालू परिवार और राजद थे। क्या तेजस्वी यादव इस बात से इनकार कर सकते हैं कि राजद के 15 साल के शासनकाल में 32,000 से ज्यादा अपहरण नहीं हुए?

बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और उजियारपुर से लोकसभा सांसद नित्यानंद राय ने कहा कि किस तरह 1990 से 2005 के बीच लालू-राबड़ी के 15 वर्षों के शासनकाल में 18,136 हत्याओं को दिनदहाड़े अंजाम दिया गया। उस दौर में 59 बड़े जातीय नरसंहार हुए, जिसमें 600 से ज्यादा लोगों की हत्या हुई, लेकिन एक बार भी लालू यादव के द्वारा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना तो दूर, घटना को लेकर संवेदनशीलता दिखाने से भी परहेज रहा।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि राजद की शासन व्यवस्था का मतलब ही जंगलराज होता है। आज भी पटना के कारोबारी और दुकानदार उस काले दिन को नहीं भूले हैं जब लालू यादव की बेटी की शादी से पहले और शादी के दिन, शादी के नाम पर दिनदहाड़े दुकानों को लूट लिया गया।

नित्यानंद राय ने राजद शासनकाल को भ्रष्टाचार का गंगोत्री बताते हुए कहा कि उनके शासनकाल में भ्रष्टाचार की गंगोत्री लालू-राबड़ी के घर से निकलती थी। चारा घोटाला, दूध घोटाला, सरकारी नौकरी के बदले जमीन घोटाला, अलकतरा घोटाला, आईआरसीटीसी होटल घोटाला, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में 'पटना के चिड़ियाघर में मिट्टी घोटाला' यही राजद और तेजस्वी यादव की हकीकत है।

उन्होंने कहा कि उस दौर में चुनाव के दौरान 700 से ज्यादा लोगों की चुनावी हिंसा में हत्या कर दी गई, जिसमें 50 से ज्यादा पुलिस वाले भी शामिल थे। वह दौर महिलाओं के लिए अत्यंत भयावह और असुरक्षित था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार में राजद के शासनकाल के दौरान अपराध और भ्रष्टाचार की उच्चतम दरें थीं। समाज की सुरक्षा और न्याय की व्यवस्था का गिरना एक गंभीर मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

राजद के शासनकाल में कितने अपहरण हुए?
राजद के शासनकाल में 1990 से 2005 के बीच 32,000 से ज्यादा अपहरण की घटनाएं हुईं।
क्या नित्यानंद राय ने राजद पर आरोप लगाए?
हाँ, नित्यानंद राय ने राजद को बिहार की दुर्दशा का जिम्मेदार ठहराया।