क्या इंडी अलायंस को महिलाओं के अधिकारों की चिंता नहीं है?: प्रदीप भंडारी

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं के अधिकारों की अनदेखी करना एक गंभीर मुद्दा है।
- राजनीतिक दलों को अपने वादों पर खरा उतरना चाहिए।
- अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवाल उठाना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया है।
भंडारी ने कहा कि अखिलेश यादव महिलाओं के अधिकारों की बात करते हैं, लेकिन जब उनकी पत्नी और सपा सांसद डिंपल यादव के साथ हुए कथित अभद्र व्यवहार पर बोलने का समय आया, तो वे चुप रहे। भंडारी ने इसे अखिलेश की वोट बैंक की विवशता करार दिया।
सोमवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान भाजपा प्रवक्ता ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और इंडी गठबंधन पर मौलाना साजिद रशीदी की सपा सांसद डिंपल यादव के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया है। भंडारी ने कहा कि अखिलेश यादव, जो महिलाओं के अधिकारों की बातें करते हैं, अपनी पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ अभद्र टिप्पणी पर चुप हैं, जो उनकी वोट बैंक की विवशता को दर्शाता है।
उन्होंने इसे सपा और इंडी गठबंधन की महिला विरोधी मानसिकता का प्रमाण बताया। इस संबंध में भंडारी ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर भी निशाना साधा, जिनके ‘मोहब्बत की दुकान’ और ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ जैसे नारों को उन्होंने इस संदर्भ में खोखला करार दिया।
भंडारी ने दावा किया कि अखिलेश का मौन और इंडी गठबंधन की चुप्पी महिलाओं के सम्मान और अधिकारों के प्रति उनकी उदासीनता को उजागर करती है।
भंडारी ने पूरे इंडी गठबंधन को ‘महिला विरोधी’ बताते हुए कहा कि इन्हें महिलाओं के अधिकारों की चिंता नहीं है। अगर इन्हें चिंता है तो सिर्फ अपने वोट बैंक की। वोट बैंक ने इन्हें चुप कर दिया है, इसके अलावा कुछ नहीं दिखाई देता।
यह विवाद मौलाना साजिद रशीदी की डिंपल यादव के खिलाफ टेलीविजन चर्चा के दौरान की गई टिप्पणी से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने डिंपल के सिर न ढकने और संसद मार्ग की मस्जिद में सपा की बैठक में उनकी उपस्थिति पर आपत्तिजनक बयान दिया। मौलाना की अभद्र टिप्पणी पर विरोध जताया जा रहा है।