क्या इस्लामाबाद में आतंकी हमले ने पाकिस्तान को अफगानिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए मजबूर किया?
सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को सैन्य कार्रवाई की धमकी दी।
- इस्लामाबाद में आत्मघाती हमला 12 लोगों की मृत्यु का कारण बना।
- रक्षा मंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात की।
- अफगान तालिबान की निंदा की गई, लेकिन ईमानदारी की कमी दिखाई दी।
इस्लामाबाद, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के इस्लामाबाद कोर्ट परिसर में हुए धमाके के बाद रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान को एक सीधी धमकी दी है। उन्होंने अफगानिस्तान में आतंकवादियों को शरण देने के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद की बढ़ती लहर को नजरअंदाज नहीं करेगा। यदि अफगानिस्तान में आतंकवादी पनाहगाहों की स्थिति बिगड़ती है, तो वह निर्णायक जवाब देगा।
मंत्री ने कहा, "अफगान तालिबान की निंदा और खेद के शब्द केवल बयानों तक ही सीमित हैं, इनमें ईमानदारी नहीं दिखती। अफगानिस्तान की धरती से सक्रिय आतंकवादी पाकिस्तान को निशाना बनाना जारी रखे हुए हैं। हाल के अधिकांश हमले अफगान नागरिकों द्वारा किए गए हैं।"
हाल ही में कैडेट कॉलेज वाना में हुए हमले का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने एक सफल अभियान चलाया और अल्लाह की रहम से सभी कैडेटों की जान बचाई।
इससे पहले रक्षा मंत्री ने धमाके को एक वेकअप कॉल बताया था। उन्होंने कहा, "हम युद्ध की स्थिति में हैं। जो कोई भी यह सोचता है कि पाकिस्तानी सेना यह युद्ध अफगान-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र और बलूचिस्तान के दूरदराज के इलाकों में लड़ रही है, उन्हें बताना चाहूंगा कि आज इस्लामाबाद जिला अदालत में हुआ यह आत्मघाती हमला एक वेकअप कॉल है।"
उन्होंने यह भी कहा कि इस माहौल में काबुल के शासकों के साथ सफल बातचीत की ज्यादा उम्मीद रखना बेकार होगा। पाकिस्तान के इस्लामाबाद कोर्ट परिसर में हुए आत्मघाती हमले में 12 लोगों की जान गई और 36 घायल हुए।
इससे पहले ख्वाजा आसिफ ने कहा, "हम जंग की हालत में हैं। हमला अफगान सीमा या बलूचिस्तान में नहीं, बल्कि इस्लामाबाद में हो रहा है। तालिबानी शासक पाकिस्तान में आतंकवाद को रोक सकते हैं, लेकिन इस्लामाबाद तक यह जंग लाना काबुल की तरफ से एक संदेश है।"