क्या इजरायल से भारतीय श्रमिकों को भारत वापस लाया जाएगा?: अनिल राजभर

सारांश
Key Takeaways
- इजरायल में भारतीय श्रमिकों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
- सरकार ने आश्वासन दिया है कि श्रमिकों को सुरक्षित वापस लाने के उपाय किए जाएंगे।
- समाजवादी पार्टी के विरोध पर मंत्री ने अपनी राय व्यक्त की।
लखनऊ, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के चलते इजरायल में फंसे भारतीय श्रमिकों की स्थिति को लेकर उनके परिजन भारत में चिंतित हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने कहा है कि यदि आवश्यकता पड़ी तो श्रमिकों को भारत लौटाया जाएगा।
उन्होंने गुरुवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए बताया कि इजरायल में काम कर रहे श्रमिकों का कार्यक्षेत्र युद्ध के क्षेत्र से काफी दूर है। इसलिए, इस समय किसी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। अगर श्रमिकों की सुरक्षा को कोई खतरा होता है तो उन्हें तुरंत भारत लाने की कार्रवाई की जाएगी।
अनिल राजभर ने यह भी कहा कि हमारी पूरी नजर इस मामले पर है। अगर श्रमिकों की जान को कोई भी खतरा महसूस होता है, तो उन्हें सुरक्षित तरीके से भारत लाने का उपाय खोजा जाएगा।
योग दिवस पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। वे हर बात को धर्म से जोड़कर सरकार के खिलाफ आंदोलन करते हैं। उनका काम सिर्फ विरोध करना और समाज को गुमराह करना रह गया है। यह समाजवादी पार्टी का एक नया फैशन बन गया है।
उन्होंने आगे कहा कि 21 जून को पूरी दुनिया योग दिवस मनाती है। पूरा विश्व भारत के साथ मिलकर योग करता है। योग हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। विपक्ष को इन बातों से कोई सरोकार नहीं है। समाजवादी पार्टी का मुख्य उद्देश्य केवल सरकार का विरोध करना रह गया है।
यह ध्यान देने योग्य है कि एस.टी. हसन ने योग दिवस पर कर्मचारियों को दिए जाने वाले विशेष ब्रेक पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि योग दिवस पर ब्रेक की कोई आवश्यकता नहीं है। कर्मचारी घर से भी योग कर सकते हैं। जब मुसलमानों को नमाज के लिए आधे घंटे का भी ब्रेक नहीं दिया जाता, तो योग के लिए विशेष ब्रेक देना कहाँ तक उचित है?