क्या जनप्रतिनिधियों को मर्यादा में रहते हुए बात रखनी चाहिए? : श्रीराज नायर

सारांश
Key Takeaways
- श्रीराज नायर ने विपक्षी सांसदों के व्यवहार को शर्मनाक बताया।
- लोकतंत्र में असहमति को सही तरीके से व्यक्त करने की आवश्यकता है।
- जनप्रतिनिधियों को अपनी मर्यादा में रहकर बात करनी चाहिए।
मुंबई, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में बिल पेश करने के बाद विपक्षी सांसदों के व्यवहार की कड़ी आलोचना की। विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में गृह मंत्री के बिल पेश करने के बाद जोरदार हंगामा किया और कागज फाड़कर उनकी ओर फेंके, जिसे श्रीराज नायर ने शर्मनाक करार दिया।
श्रीराज नायर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और सभी नागरिकों को लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही को पूरा देश देखता है, इसलिए जनप्रतिनिधियों को अपनी मर्यादा में रहते हुए अपनी बात रखनी चाहिए। चाहे वह विपक्ष हो या सत्तापक्ष, असहमति को संवाद द्वारा व्यक्त करना उचित है, न कि कागज फाड़कर या किसी पर फेंककर। उन्होंने इस प्रकार की घटनाओं को शर्मनाक बताया और कहा कि समाज अपने नेताओं से आदर्श आचरण की अपेक्षा करता है। प्रत्येक प्रतिनिधि को ज़िम्मेदारी और अनुशासन निभाना चाहिए।
जन सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्रीराज नायर ने कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का संवैधानिक अधिकार है। हालांकि, ऐसा करने के सही तरीके भी होते हैं। जिस प्रकार से एक महिला मुख्यमंत्री, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी गई हैं, पर हमला किया गया और उन्हें थप्पड़ मारा गया, वह अत्यंत निंदनीय है। लोकतंत्र में इस प्रकार की हरकतों को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने आगे कहा कि आवारा कुत्तों से संबंधित अदालत के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला करना मूर्खतापूर्ण है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार और गृह मंत्रालय द्वारा लिया गया निर्णय उचित होगा। आरोपी को कोर्ट ने पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।