क्या देश में कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा देने से नुकसान होगा? : मौलाना शहाबुद्दीन रजवी

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क्या देश में कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा देने से नुकसान होगा? : मौलाना शहाबुद्दीन रजवी

सारांश

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा देने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देश की एकता और शांति के लिए कट्टरपंथ से दूर रहना जरूरी है। क्या वास्तव में कट्टरपंथी विचारधारा का बढ़ावा देश को नुकसान पहुंचाएगा?

Key Takeaways

  • कट्टरपंथी सोच का बढ़ावा देश की शांति को खतरे में डाल सकता है।
  • संविधान और धर्म के प्रति निष्ठा जरूरी है।
  • एकता और सद्भाव बनाए रखने की आवश्यकता है।
  • हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करते हुए दूसरों का सम्मान करना चाहिए।
  • कट्टरता से दूर रहकर ही देश का विकास संभव है।

लखनऊ, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर तीव्र असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि देश पहले से ही कई प्रकार की कट्टरपंथी विचारधाराओं और आतंकवाद का सामना कर रहा है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा समाज में नई कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा देना हानिकारक होगा।

मौलाना रजवी ने रविवार को कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा और उत्पात फैला रहे हैं। मणिपुर और असम जैसे राज्यों में उग्रवादी संगठन अलगाववादी मांगों को लेकर लगातार हमले कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में यदि कोई संगठन या समुदाय कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देगा तो इससे देश की एकता और शांति को गंभीर नुकसान पहुंचेगा।

उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि कुछ मुस्लिम संगठन और कुछ लोग भी कट्टरपंथी सोच को फैलाकर देश का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री के हालिया बयान को राष्ट्रविरोधी मानसिकता को प्रोत्साहित करने वाला बताया।

मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री कट्टरपंथी विचारधारा वाली महिलाओं की फौज तैयार करने का सुझाव दे रहे हैं। ऐसा कदम देश में अफरातफरी और अशांति का कारण बनेगा और अन्य कट्टरपंथी संगठनों को भी हौसला मिलेगा। इससे समाज में नफरत और विभाजन का खतरा बढ़ जाएगा, जिसका सीधा नुकसान देश की सामाजिक संरचना और सद्भाव को होगा।

मौलाना रजवी ने स्पष्ट कहा कि हर व्यक्ति को, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, अपने धर्म पर पूरी निष्ठा के साथ कायम रहना चाहिए। कोई भी धर्म अपने अनुयायियों को आपस में लड़ने-झगड़ने या फसाद फैलाने की शिक्षा नहीं देता।

उन्होंने कहा कि अच्छा इंसान वही है, जो अपने धर्म के उसूलों और सिद्धांतों पर अमल करे, न कि दूसरों को परेशान करे। देश की एकता और विकास के लिए यह आवश्यक है कि सभी लोग कट्टरपंथ और नफरत की राजनीति से दूर रहकर आपसी सद्भाव बनाए रखें।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि कट्टरपंथी विचारधाराएं समाज को तोड़ सकती हैं। हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करना चाहिए, लेकिन यह आवश्यक है कि हम आपसी सद्भाव बनाए रखें। देश की एकता और विकास के लिए हमें नफरत और कट्टरता से दूर रहना चाहिए।
NationPress
21/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या कट्टरपंथी सोच का बढ़ावा देना देश के लिए हानिकारक है?
हाँ, मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने कहा है कि यह देश की एकता और शांति को खतरे में डाल सकता है।
क्या सभी धर्मों को आपसी सद्भाव बनाए रखना चाहिए?
बिल्कुल, सभी धर्मों के अनुयायियों को एकता और सहिष्णुता के साथ रहना चाहिए।
क्या मौलाना रजवी का बयान सही है?
उनका बयान कट्टरपंथ के खिलाफ एक महत्वपूर्ण चेतावनी है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।