क्या केंद्र सहयोग करता तो 'टेस्ला' 2022 में ही आ जाती?

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार का सहयोग ईवी उद्योग में महत्वपूर्ण है।
- टेस्ला का आगमन 2022 में ही हो सकता था।
- कारों की कीमतों में वृद्धि का असर ग्राहकों पर पड़ता है।
- राजनीतिक असुरक्षा का संकेत है टेस्ला का उद्घाटन।
- राज्य सरकार रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग चाहती है।
मुंबई, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार ने सहयोग किया होता तो 2022 में ही मुंबई में टेस्ला आ जाती।
मीडिया से चर्चा करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने टेस्ला शोरूम का उद्घाटन किया और उपमुख्यमंत्री अगले दिन ही उसे चला कर विधान भवन पहुंचे। यह दोनों की असुरक्षा को दर्शाता है।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि टेस्ला 2022 में ही महाराष्ट्र में आ सकती थी, लेकिन तब केंद्र सरकार ने कुछ अड़चनें पैदा कीं, जिसके कारण यह संभव नहीं हो सका। उन्होंने यह भी कहा कि जो टेस्ला 25 लाख में उपलब्ध हो सकती थी, वह अब 60 लाख में मिल रही है। इसका जिम्मेदार कौन है? किसी एक कंपनी के पीछे जाने के बजाय पूरे ईवी सिस्टम के पीछे जाना चाहिए था।
असल में, टेस्ला कार का जलवा राजनेताओं में भी देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को मुंबई के विधान भवन के बाहर हाईटेक टेस्ला कार की टेस्ट ड्राइव की और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसका वीडियो भी साझा किया।
वीडियो में शिंदे को सफेद रंग की टेस्ला कार चलाते हुए देखा जा सकता है। शिंदे ने कहा कि यह बड़ी बात है कि टेस्ला ने मुंबई में अपना पहला शोरूम खोला है।
मंगलवार को मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने टेस्ला शोरूम का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम मुंबई में टेस्ला का स्वागत करते हैं। टेस्ला भारत के सही शहर और सही राज्य में आ गई है। यह खुशी की बात है कि कंपनी ने अपना पहला शोरूम मुंबई में खोला है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि कंपनी भारत में रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग करे।