क्या केंद्र सरकार की 'विकसित भारत-जी राम-जी' योजना एक महत्वपूर्ण पहल है? - सीएम मोहन चरण माझी
सारांश
Key Takeaways
- विकसित भारत-जी राम-जी योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण रोजगार को बढ़ाना है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास की नई दिशा।
- समावेशी विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता।
- केंद्र सरकार ने मनरेगा के बजट में वृद्धि की है।
- श्रमिकों के कल्याण को प्राथमिकता देने का सरकारी संकल्प।
भुवनेश्वर, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रस्तुत किया गया विकसित भारत: जी-राम-जी- 'विकसित भारत: रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025' लोकसभा में पारित हो चुका है। इस बिल पर सत्ता पक्ष और विपक्ष से अनेक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी संदर्भ में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि केंद्र सरकार की 'विकसित भारत-जी राम-जी' योजना एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है।
सीएम माझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने विकास की दिशा में एक नई गति हासिल की है। केंद्र सरकार की 'विकसित भारत-जी राम-जी' योजना का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का विस्तार करना और श्रमिकों के कल्याण को सुदृढ़ करना है।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विकसित भारत की नींव को मजबूत करेगा और समृद्ध ओडिशा तथा विकसित भारत के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जन-केंद्रित यह निर्णय समावेशी विकास और संतुलित विकास के प्रति सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इसी बीच, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने केंद्र सरकार की तरफ से ‘मनरेगा’ योजना के नाम परिवर्तन पर उठाए जा रहे विपक्ष के सवालों का जवाब दिया।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जो लोग मनरेगा योजना का नाम बदलने पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि पहले इसका बजट केवल 33 हजार करोड़ रुपए था, जिससे कुछ ही लोगों को लाभ मिल पाता था, लेकिन आज हमारी सरकार ने इसके बजट को बढ़ाकर बड़ी संख्या में श्रमिकों को लाभ पहुंचाया है। हमारी सरकार का उद्देश्य समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को लाभ पहुंचाना है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पहले मजदूरों को मिलने वाला पैसा बीच में ही खा लिया जाता था, लेकिन आज हमारी सरकार यह सुनिश्चित करती है कि मजदूरों को उनका पैसा हर हाल में मिले। उनके हितों पर हमारी सरकार किसी भी प्रकार का कुठाराघात नहीं कर रही है। हमारी सरकार ने हमेशा से मजदूरों के कल्याण को प्राथमिकता दी है। अब योजना का नाम जी राम जी ही रहेगा, इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।