क्या कांग्रेस अपने लाभ के लिए संघ को मुस्लिम विरोधी बताती है? यासिर जिलानी का बयान
सारांश
Key Takeaways
- संघ मुस्लिम विरोधी नहीं है
- संघ का उद्देश्य राष्ट्रवाद है
- लोगों को संघ की शाखाओं में जाकर देखना चाहिए
- संघ ने 100 साल पूरे किए
- संघ सामाजिक स्तर पर बेहतरीन कार्य करता है
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि संघ मुस्लिम विरोधी नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रवादी संगठन है। भारतीय जनता पार्टी के नेता यासिर जिलानी ने रविवार को भागवत की इस बात से सहमति जताई।
जिलानी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मैं संघ को कई वर्षों से जानता हूं। मैंने संघ के विचारों को पढ़ा और समझने की कोशिश की है। संघ सामाजिक निर्माण, व्यक्तित्व निर्माण और समरसता की बात करता है। यह उन लोगों को मुख्य धारा में लाने का प्रयास करता है जो अंतिम पंक्ति में हैं। मुझे नहीं लगता कि मोहन भागवत की बात झूठी है। लोग एक बार संघ में जाकर देखें और उसके बाद अपनी राय बनाएं।"
उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस अपने राजनीतिक लाभ के लिए संघ को मुस्लिम विरोधी बताती रही है। लोगों को शाखा में जाकर देखना चाहिए ताकि उनकी सोच में बड़ा बदलाव आ सके। संघ सामाजिक स्तर पर बेहतरीन काम करने के लिए जाना जाता है। यह न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर के मुसलमानों के बीच भी अपनी पहचान बना रहा है।"
जिलानी ने कहा, "संघ को 100 साल हो गए हैं। अगर संघ का लक्ष्य एक नहीं होता, तो वह 100 साल कैसे पूरा कर पाता? संघ की सफलता इस बात का प्रमाण है कि यह प्रतिस्पर्धा, द्वेष या ईर्ष्या के बिना आगे बढ़ता है। संघ ने न केवल हिंदुस्तान में, बल्कि दुनिया भर में शोध का विषय बन चुका है। लाखों लोग संघ के साथ जुड़कर काम कर रहे हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि संघ लोगों को संगठित करने का अद्भुत तरीका सिखाता है।"
उन्होंने यह भी कहा, "अगर संघ धार्मिक मुद्दों पर चर्चा करता है, तो वह खुलकर चर्चा करता है और लोगों को मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। संघ के कार्यक्रम आदिवासी क्षेत्रों से लेकर आधुनिक स्थलों तक आयोजित होते हैं। इससे लोग संघ को स्वीकार कर रहे हैं। मोहन भागवत की बातें पूरी तरह सच हैं। जो लोग संघ को लेकर अलग सोच रखते हैं, उन्हें संघ को समझने के लिए शाखा और उनकी किताबों को पढ़ना चाहिए।"