क्या लद्दाख को जानबूझकर हिंसा का शिकार बनाया गया? : दामोदर अग्रवाल

सारांश
Key Takeaways
- लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था।
- सांसद दामोदर अग्रवाल ने लद्दाख में हिंसा का आरोप लगाया।
- आत्मनिर्भरता का मूल मंत्र 'स्वदेशी' है।
- कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी और स्वार्थ की राजनीति है।
- भाजपा ही देश को मजबूत नेतृत्व प्रदान कर सकती है।
जयपुर, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सांसद दामोदर अग्रवाल ने लद्दाख की स्थिति पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि लद्दाख को विभाजन के समय केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था, और यह आश्वासन दिया गया था कि सामान्य स्थिति पुनर्स्थापित होने पर इसे राज्य का दर्जा दिया जा सकता है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उदाहरण से यह बताया कि वहां हाल ही में विधानसभा चुनाव कराए गए, जबकि लद्दाख के अमन-चैन को जानबूझकर हिंसा की भेंट चढ़ाया गया है।
सांसद दामोदर अग्रवाल ने कहा कि कुछ नेता भले ही अपने आंदोलनों को अहिंसक बताएं, लेकिन असामाजिक तत्वों ने इसे हाईजैक करके क्षेत्र में अशांति फैला दी है।
आत्मनिर्भर भारत के विचार पर बात करते हुए अग्रवाल ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म तिथि से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस तक आत्मनिर्भरता का मूल मंत्र 'स्वदेशी' है। हर भारतीय को संकल्प लेना चाहिए कि वे केवल भारत में बने उत्पादों को ही खरीदेंगे, जिनमें भारतीय श्रमिकों का पसीना शामिल है। स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
कांग्रेस पार्टी पर वार करते हुए सांसद ने कहा कि भाजपा के अलावा कोई भी राजनीतिक पार्टी ठोस विचारधारा के आधार पर काम नहीं करती।
उन्होंने कांग्रेस में गुटबाजी और स्वार्थ की राजनीति का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस में दागी नेताओं को दबाव में पार्टी से निकाला जाता है और फिर दबाव में ही उन्हें वापस भी शामिल कर लिया जाता है। यह कांग्रेस की राजनीति में संरक्षण के खेल को दर्शाता है, जिससे पार्टी में स्पष्ट दो फाड़ नजर आते हैं।
उन्होंने कहा कि देश को मजबूत नेतृत्व और स्पष्ट दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जो केवल भाजपा ही प्रदान कर सकती है।